पीसीओएस के बचाव एवं रोकथाम पर विशेषज्ञों ने किया विचार-विमर्श

@ भोपाल मध्यप्रदेश :-

लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम) के प्रति जागरूकता बढ़ाने, बचाव के उपायों पर चर्चा करने, नीतिगत सुझाव पर विमर्श देने के उद्देश्य से कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (मिंटो हॉल) भोपाल में एक दिवसीय राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस हुई।

उल्लेखनीय है कि यह पीसीओएस विषय पर मध्यप्रदेश की प्रथम राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस है। कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ प्रमुख सचिव, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, संदीप यादव द्वारा किया गया। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन संचालक डॉ. सलोनी सिडाना, संचालक हेल्थ एवं स्टेट नोडल, प्रिवेंटिव गायनेकोलॉजी एंड इंफर्टिलिटी डॉ. रचना दुबे, पीसीओएस सोसाइटी ऑफ इंडिया की प्रेसीडेंट डॉ. दुरु शाह तथा कानपुर की वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मीरा अग्निहोत्री विशेष रूप से उपस्थित रहीं।

कॉन्फ्रेंस में पीसीओएस के बचाव एवं रोकथाम पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया, जिसमें विभिन्न चिकित्सा विधाओं के विशेषज्ञों ने सहभागिता की। डॉ. सलोनी सिडाना ने पीसीओएस के बचाव के लिये मध्यप्रदेश में किए जा रहे प्रयासों की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि सरकार महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर विशेष संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है और इस दिशा में जनजागरूकता अभियानों एवं स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है।

डॉ. रचना दुबे ने पीसीओएस में गट हेल्थ (आंतों के स्वास्थ्य) के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि हमारे गट में उपस्थित माइक्रोबायोम्स हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं। उन्होंने बताया कि यदि पीसीओएस से प्रभावित महिलाएं अपने आहार पर ध्यान दें और तले-भुने खाद्य पदार्थ, समोसे, कचौड़ी, वसायुक्त भोजन एवं शुगर का सेवन कम करें, तो इस स्थिति को नियंत्रित करने में सहायता मिलेगी।

पीसीओएस पर व्यापक चर्चा के तहत कई प्रमुख चिकित्सकों द्वारा महत्वपूर्ण सत्र लिए गए, जिनमें डॉ. कविता बापट, डॉ. अर्चना बसेर, डॉ. अनुराग तिवारी, डॉ. पंकज अग्रवाल, डॉ. सुशील जिंदल, डॉ. सुनील मलिक, डॉ. संजय कुमार सहित अन्य विशेषज्ञ शामिल रहे।

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