@ नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सिंगापुर के निवेश कोष, इंफ्रास्ट्रक्चर, विनिर्माण, ऊर्जा, स्थिरता और रसद सहित विविध क्षेत्रों के प्रमुख सीईओ के एक समूह के साथ बातचीत की। इस कार्यक्रम में सिंगापुर के उप प्रधानमंत्री गण किम योंग और गृह एवं कानून मंत्री के. शानमुगम ने भाग लिया।
भारत में उनके बढ़ते हुए निवेश की सराहना करते हुए, प्रधानमंत्री ने भारत और सिंगापुर के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने में सिंगापुर के उद्योग जगत के दिग्गजों द्वारा निभाई गई भूमिका को महत्व दिया। प्रधानमंत्री ने भारत के साथ उनके सहयोग को और सुविधाजनक बनाने के लिए, सिंगापुर में एक इन्वेस्ट इंडिया कार्यालय की स्थापना की घोषणा की। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत-सिंगापुर संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी में बदलने से द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को एक बड़ी ताकत मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने पिछले दस वर्षों में परिवर्तनकारी प्रगति की है और राजनीतिक स्थिरता, नीति संबंधी पूर्वानुमान, कारोबारी सुगमता और इसके सुधार उन्मुख आर्थिक एजेंडे की अपनी ताकत को देखते हुए यह उसी रास्ते पर आगे बढ़ता रहेगा। अगले कुछ वर्षों में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। भारत के विकास की प्रभावशाली गाथा, इसके कुशल प्रतिभा पूल और विस्तृत बाजार से जुड़े अनेक अवसरों के बारे में चर्चा करते हुए, उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत वैश्विक आर्थिक विकास में 17 प्रतिशत का योगदान दे रहा है।
प्रधानमंत्री ने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना, भारत सेमीकंडक्टर मिशन और 12 नए औद्योगिक स्मार्ट शहरों की स्थापना जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में भारत की भागीदारी बढ़ाने के लिए विभिन्न पहलों के बारे में बात की। उन्होंने व्यवसाय जगत के अग्रजों से कौशल विकास के क्षेत्र में भारत में अवसरों को परखने का आह्वान किया। लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं की तलाश करने वाले व्यवसायों के लिए, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की अपनी ताकत को ध्यान में रखते हुए यह सबसे अच्छा विकल्प है।
प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया कि भारत अपने तीसरे कार्यकाल में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की गति और व्यापकता को बढ़ाएगा। इसके अलावा, सीईओ को रेलवे, सड़क, बंदरगाह, नागरिक उड्डयन, औद्योगिक पार्क और डिजिटल कनेक्टिविटी के क्षेत्र में नए अवसरों से अवगत कराया गया।
प्रधानमंत्री ने सिंगापुर के व्यवसाय जगत के दिग्गजों को भारत में निवेश के अवसरों को देखने और देश में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए आमंत्रित किया।