प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित शिक्षकों से बातचीत की

@ नई दिल्ली

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आवास पर राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित शिक्षकों से बातचीत की।पुरस्कार विजेता शिक्षकों ने प्रधानमंत्री के साथ अपने शिक्षण अनुभव साझा किए। उन्होंने बच्चों को पढ़ाने को और अधिक रोचक बनाने के लिए अपनाई जाने वाली दिलचस्प तकनीकों के बारे में भी बात की।

उन्होंने अपने नियमित शिक्षण कार्य के साथ-साथ अपने सामाजिक कार्यों के उदाहरण भी साझा किए। शिक्षकों के साथ बातचीत करते हुए, प्रधानमंत्री ने शिक्षण के प्रति उनके समर्पण और पिछले कुछ वर्षों में उनके द्वारा दिखाए गए उल्लेखनीय उत्साह की सराहना की, जिसे पुरस्कारों के माध्यम से मान्यता मिली है।

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभाव पर चर्चा की और अपनी मातृभाषा में शिक्षा प्राप्त करने के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने सुझाव दिया कि शिक्षक छात्रों को विभिन्न भाषाओं में स्थानीय लोककथाएं सुना सकते हैं, ताकि छात्र दूसरी भाषाएं सीख सकें और भारत की जीवंत संस्कृति से भी परिचित हो सकें।

प्रधानमंत्री ने कहा कि शिक्षक अपने विद्यार्थियों को भारत की विविधता को जानने के लिए शैक्षणिक भ्रमण पर ले जा सकते हैं, जिससे उन्हें कुछ विशेष सीखने में मदद मिलेगी और उन्हें अपने देश के बारे में समग्र रूप से जानने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा।

प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि पुरस्कार विजेता शिक्षकों को सोशल मीडिया के माध्यम से एक-दूसरे से जुड़े रहना चाहिए और पढ़ाई के अपने सर्वोत्तम तरीकों को आपस में साझा करना चाहिए ताकि हर कोई ऐसे बेहतरीन तरीकों से सीख सके, उन्हें अपना सके और उनसे लाभ उठा सके। प्रधानमंत्री ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण सेवा प्रदान कर रहे हैं और आज के युवाओं को विकसित भारत के लिए तैयार करने की जिम्मेदारी उनके हाथों में है।

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