@ सिद्धार्थ पाण्डेय /चाईबासा (पश्चिम सिंहभूम ) झारखंड :
चक्रधरपुर विधानसभा :
चक्रधरपुर का अब तक का इतिहास , दोबारा कोई नहीं जीता चुनाव… चक्रधरपुर फिर इतिहास दोहराएगा या चक्रधरपुर का बदलेगा इतिहास…क्या इतिहास रचेंगे सुखराम …या चक्रधरपुर फिर इतिहास बनाएगा …झामुमो से सुखराम उरांव , भाजपा से शशि भूषण सामड़, निर्दलीय विजय सिंह गागराई आदि कई चुनावी मैदान में .. चक्रधरपुर से कई उम्मीदवार ठोक रहे है ताल… वर्तमान विधायक एवं जिला अध्यक्ष सुखराम उरांव और झामुमो की प्रतिष्ठा दांव पर .. झामुमो और भाजपा के लिए प्रतिष्ठा की सीट बना चक्रधरपुर विधानसभा ..जनता का क्या है मिजाज…
मनोहरपुर विधानसभा :
मनोहरपुर विधानसभा में 30 वर्षों तक एक परिवार ने किया राज … 5 वर्ष जल ,जंगल, जमीन, आंदोलन के प्रणेता देवेंद्र मांझी और 25 वर्षों तक वर्तमान सांसद सह मनोहरपुर से 5 बार विधायक और मंत्री रही जोबा मांझी के कार्यकाल में मनोहरपुर विधानसभा का कितना हो पाया विकास… मनोहरपुर के विकास से लोग कितने है संतुष्ट …अब तीसरी पीढ़ी स्वर्गीय देवेंद्र मांझी और सांसद, पूर्व मंत्री जोबा मांझी के पुत्र जगत मांझी मनोहरपुर की विरासत संभालने के लिए चुनावी मैदान में कूदे … मनोहरपुर का कितना हुआ विकास .. क्या है जनता मतदाता का मिजाज ..
क्या मांझी परिवार के जगत मांझी को फिर मिलेगा मौका ..मिलेगा ताज या होगा बदलाव – संभावना जगत माझी की जीत की ओर पूरा इशारा कर रहा है। लेकिन भाजपा पार्टी भी पहचान बनाने के लिए आगे पीछे दिख रही है।
परिवर्तन …. 13 नवंबर को मनोहरपुर की जनता करेंगी भाग्य का फैसला, 23 नवंबर को किस्मत का होगा फैसला…
जगन्नाथपुर विधानसभा :
जगन्नाथपुर में विधानसभा चुनाव का समीकरण राजनीतिक पंडितो के सिर के ऊपर से ही पार हो जा रहा है… राजनीतिक पंडितों का भी सिर चकरा जा रहा है कि आखिर यह हो क्या रहा है …चुनाव हो रहा है या फैंसी मैच … चुनाव का तो पता ही नहीं चल रहा है …खैर जो जीता वह सिकंदर, जो हारा वो ___ …..
एक के पास खोने को कुछ भी नहीं … दूसरे के पास खोने के लिए पूरी राजनीतिक विरासत , इज्जत और प्रतिष्ठा …. अभेद किला और इज्जत, प्रतिष्ठा को बचाने के लिए हो रही है लड़ाई ..
चाईबासा और मझगांव विधानसभा
चाईबासा और मझगांव विधानसभा में भाजपा प्रत्याशियों को उम्मीद से बढ़कर टिकट मिल जाना ही सबसे बड़ी जीत है .. ना जीतने का टेंशन और ना हारने का गम.. मोदी और राम जी के नाम पर चुनावी बैतरणी, बेड़ा पार करने को तैयार… प्रत्याशी , संगठन, नेता सभी मस्त …
झामुमो प्रत्याशी ने ऐसा भौंकाल मचा रखा है, ताबड़तोड़ चुनावी अभियान चला रहा है, चल रहा है, जिस तरह लोगों की भीड़ जुट रही है वैसा तो स्टार प्रचारक के सभा में भी भीड़ नहीं हो रहा है __ झामुमो, प्रत्याशी और संगठन , हेमंत और कल्पना के बलबूते चुनावी मैदान में तो दूसरा मोदी और राम के सहारे …13 नवंबर को जनता जनार्दन करेंगे प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला और 23 नवंबर को तकदीर का होगा फैसला, कौन बनेगा चैंपियन…. मंझगांव विधानसभा क्षेत्र में हर चौक चौराहे पर चुनावी चर्चा जारी है ।
कौन बनेगा मंझगांव का जनप्रतिनिधि ?
मंझगांव से कुल 14 प्रत्याशी ने नामांकन पर्ची लिया लेकिन 2 प्रत्याशी ने नाम वापस लिया जिसमें भाजपा नेता जयपाल कुंकल और लक्ष्मी पिंगवा है ।
बांकी 12 प्रत्याशी मैदान में ।
हालांकि इस बार चुनाव काफी दिलचस्प रहा ।
पक्ष और विपक्ष जुबानी जंग चली लेकिन सत्तारूढ़ दल ने विपक्षी पार्टी भाजपा के प्रचार वाहन पर हमले भी करवाये ।
वही भाजपा प्रत्याशी बड़कुंवर गागराई ने कहा 10 वर्षों में जनहित के लिए एक भी कार्य नही किये केवल आदिवासियों की जमीन बेचने का काम किया ।
ग्राउंड जीरो की रिपोर्ट की बात करें तो मंझगांव विधानसभा से बड़कुंवर गागराई इस बार क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर सकते है ।
निरल पूर्ती विगत 10 वर्षों में जनता से मिलने तक नही गए जिससे मंझगांव कि जनता में काफी नाराजगी देखने को मिल रही है । कुछ ने कहा- निरल पूर्ती आदिवासी नही है उनके खतियान में क्रिस्तान लिखा हुआ है जो कि जांच का विषय है । अगर जांच सही तरीके से हुआ तो उनका विधानसभा सदस्यता हमेशा के लिए रद्द हो सकता है । सत्तारूढ़ दल का संरक्षण प्राप्त होने की वजह से अभी तक बचे हुए है ।
क्षेत्र के युवाओं , बूढ़े , महिलाओं की पहली पसंद प्रत्याशी बड़कुंवर गागराई ही है ।
आने वाले 23 नवंबर को साफ हो जाएगा कौन बनेगा मंझगांव का जनप्रतिनिधि ? किसे जनता अपना भविष्य सौपेगी । हालांकि 293 एकड़ जमीन वाले मुद्दे को लेकर आदिवासी समाज क्षेत्र के विधायक से काफी नाराज है । ग्रामीणों का मानना है कि जो उक्त भूमि है उनके जंतड़ा पूजा स्थल है । इससे छेड़छाड़ या कोई हस्तक्षेप हरगिज बर्दास्त नही किया जाएगा । मंझगांव का माहौल पूरे चुनाव से लेकर अब तक गर्म ही है ।
Гама Казино Скачать на Андроид. https://github.com/sewer80/gamma