@ नई दिल्ली
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी और पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह कल प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की चौथी वर्षगांठ के अवसर पर ऩई दिल्ली में चाणक्यपुरी स्थित सुषमा स्वराज भवन में प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना का शुभारंभ करेंगे और मत्स्य पालन क्षेत्र में उत्पादन और प्रसंस्करण समूह केंद्रों पर मानक संचालन प्रक्रिया जारी करेंगे।
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी और पंचायती राज राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल और केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी और अल्पसंख्यक कार्य राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे। इस कार्यक्रम में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मत्स्य पालन विभाग के प्रतिनिधि, मत्स्य पालन विभाग के अधिकारी, राष्ट्रीय मत्स्य पालन विकास बोर्ड, आईसीएआर संस्थान और अन्य संबंधित विभाग/मंत्रालय, PMMSY के लाभार्थी, मछुआरे, मछली पालक किसान, उद्यमी और देश भर से मत्स्य पालन क्षेत्र से जुड़े प्रमुख हितधारकों के शामिल होने की उम्मीद है। यह कार्यक्रम हाइब्रिड मोड में आयोजित किया जाएगा। इसमें देश भर से प्रतिभागियों के सशरीर और वर्चुअल दोनों रूप से भाग लेने की उम्मीद है।
केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उत्पादन और उत्पादकता वृद्धि, कटाई के बाद के बुनियादी ढांचे और अन्य मूल्य श्रृंखला वृद्धि कार्यक्रमों से संबंधित PMMSY के तहत स्वीकृत विभिन्न परियोजनाओं की घोषणा करेंगे। PMMSY की चौथी वर्षगांठ के जश्न के दौरान प्रमुख गतिविधियों में वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान PMMSY के तहत शुरू की गई राष्ट्रीय प्राथमिकता वाली परियोजनाएं, पुस्तिकाओं का विमोचन, उत्कृष्टता केंद्र और नाभिक (न्यूक्लियस) प्रजनन केंद्रों की अधिसूचना, जलवायु अनुकूल तटीय मछुआरा गांवों और मत्स्य पालन समूहों के रूप में विकास के लिए तटीय मछुआरा गांवों की अधिसूचना और डिजिटल पोर्टल का शुभारंभ आदि शामिल होंगे।
भारत सरकार ने 2014 से 38,572 करोड़ रुपये के निवेश के लिए योजनाओं के निर्माण और कार्यान्वयन के साथ नीली क्रांति के माध्यम से मत्स्य पालन क्षेत्र में बदलाव का नेतृत्व किया है। प्रमुख पहलों में शामिल हैं नीली क्रांति: इसमें 5000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 2015-16 से 2019-20 तक कार्यान्वित की गई मत्स्य पालन का एकीकृत विकास और प्रबंधन, 2018-19 से कार्यान्वित की गई 7,522.48 करोड़ रुपये के फंड से मत्स्य पालन और जलीय कृषि अवसंरचना विकास निधि, 20,050 करोड़ रुपये के निवेश के साथ पांच साल (2020-21 से 2024-25) की अवधि के लिए कार्यान्वित की गई प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना और PMMSY के तहत एक उप-योजना प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना जो 6,000 करोड़ रुपये की निवेश योजना के साथ चालू वर्ष (2024-25) से लागू है।
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय में मत्स्य पालन विभाग ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के कार्यान्वयन के चौथे सफल वर्ष को चिह्नित किया है। तदनुसार, मत्स्य पालन विभाग प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के चार सफल वर्ष पूरे होने के अवसर पर एक कार्यक्रम आयोजित कर रहा है।
पिछले कुछ वर्षों में, PMMSY देश में मत्स्य पालन और जलीय कृषि क्षेत्र के समग्र विकास के लिए एक व्यापक खाका के रूप में विकसित हुआ है। PMMSY मत्स्य पालन क्षेत्र में 20,050 करोड़ रुपये का अब तक का सबसे अधिक निवेश है और एक रणनीतिक विकास यात्रा की शुरुआत करते हुए, यह पहल अंतर्देशीय मत्स्य पालन और जलीय कृषि के क्षेत्र में गहराई से जुड़ी है, उत्पादन को बढ़ावा देने और मजबूत खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाती है।
मछुआरों को मछली पकड़ने पर प्रतिबंध/कम अवधि तक ही मछली पकड़ने के दौरान आजीविका सहायता, बीमा कवरेज, वित्तीय सहायता और किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा भी प्रदान की जाती है। PMMSY ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करके इसके उपयोग को बढ़ाने का एक रास्ता तय किया है।
यह एक शुभ अवसर है जो मछुआरों, मछली पालक किसानों, उद्यमियों, अन्य हितधारकों, सरकारी अधिकारियों और जीवंत मत्स्य पालन तथा जलीय कृषि क्षेत्र से उत्साही प्रतिभागियों को साथ लाने के लिए एक ऐतिहासिक अवसर बनेगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत सरकार के मत्स्य विभाग द्वारा कार्यान्वित PMMSY और अन्य योजनाओं की उपलब्धियों को प्रदर्शित करना है।