राज्यपाल ने सरदार पटेल विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता की

@ मंडी हिमाचल

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी के पहले दीक्षांत समारोह में 333 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की। राज्यपाल इस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे तथा 12 स्वर्ण पदक विजेताओं सहित 36 मेधावी विद्यार्थियों को पदक प्रदान किए।
विद्यार्थियों को बधाई देते हुए राज्यपाल ने विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के चरणबद्ध कार्यान्वयन, भारतीय ज्ञान परम्परा प्रकोष्ठ की स्थापना और विभिन्न शैक्षणिक समितियों के गठन के अलावा अल्पावधि में किए गए उल्लेखनीय कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह सभी पहल विद्यार्थियों के बेहतर भविष्य के प्रति विश्वविद्यालय के लक्ष्यों को पूरा करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि यह समारोह केवल उपाधियां प्रदान करने तक सीमित नहीं है। यह विद्यार्थियों के लिए महत्त्वपूर्ण क्षण होता है जिससे उनके भविष्य को नई दिशा मिलती है। उन्होंने कहा कि भारत की शिक्षा प्रणाली बौद्धिक, नैतिक और अध्यात्मिक विकास पर आधारित है और एनइपी-2020 मंे उल्लेखित सिद्धांतो को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर और सक्षम बनाती है और सभी को अपने ज्ञान को निरन्तर बढ़ाते रहना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि विश्वविद्यालय तथा यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों का भविष्य सुनहरा होगा और आने वाले समय में यह विश्वविद्यालय देश के अग्रणी संस्थानों मंे से एक बनकर उभरेगा। भारत में युवाओं के लिए रोजगार के अपार अवसर हैं और देश की आबादी मेें से 55 प्रतिशत से अधिक युवा 25 वर्ष से कम के हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2030 तक भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है और वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र का दर्जा हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने स्नातकों से न केवल अपनी सफलता के लिए बल्कि राष्ट्र व राज्य की प्रगति में भी योगदान देने का आग्रह किया।
आईआईटी रोपड़ के निदेशक राजीव आहुजा इस अवसर पर विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने विश्वविद्यालय की उन्नति में शोध की महत्त्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया। उन्होंने विद्यार्थियों को उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करने के लिए बहु-विषयक दृष्टिकोण अपनाने की वकालत की। उन्होंने भारत को वैश्विक गुरू बनाने के लिए उच्च-गुणवत्ता, शोध संचालित नवाचार की आवश्यकताओं को भी रेखांकित किया। उन्होंने कृषि प्रौद्योगिकी और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में कृत्रिम मेधा (एआई) और ड्रोन प्रौद्योगिकी को शामिल करने का भी आह्वान किया।
विधायक एवं विश्वविद्यालय के कार्यकारी परिषद के सदस्य चन्द्रशेखर ने राज्यपाल का स्वागत करते हुए कहा कि यह दीक्षांत समारोह विश्वविद्यालय के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। उन्होंने स्नातकों से देश और राज्य की समृद्ध संास्कृतिक विरासत से जुड़े रहते हुए वैश्विक चुनौतियों का सामना करने का आग्रह किया। उन्होंने विश्वविद्यालय को सरदार पटेल की 150 जयंती के अवसर पर वर्ष भर कार्यक्रम आयोजित करने को भी कहा।
विश्वविद्यालय के कुलपति ललित कुमार अवस्थी ने राज्यपाल का इस कार्यक्रम में उपस्थित होने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने राज्यपाल को विश्वविद्यालय की उपलब्धियों तथा शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों से भी अवगत करवाया।
राज्यपाल के सचिव सी.पी. वर्मा, मंडलायुक्त राखी काहलो, उपायुक्त अपूर्व देवगन, पुलिस अधीक्षक साक्षी वर्मा, विश्वविद्यालय के प्रोफेसर व कर्मचारियों सहित अन्य गणमान्य भी इस अवसर उपस्थित थे।

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