@ नई दिल्ली
राष्ट्रीय राजमार्गों का पुलों, संरचनाओं आदि सहित सार-संभाल और रख-रखाव विभिन्न तरीकों से किया जाता है। इंजीनियरिंग खरीद और निर्माण अनुबंधों में, ठेकेदार निर्माण अवधि के दौरान और उसके बाद दोष दायित्व अवधि-सह-रखरखाव अवधि के दौरान सड़क का रखरखाव करते हैं।
डिजाइन बिल्ड फाइनेंस ऑपरेट एंड ट्रांसफर / हाइब्रिड एन्युटी मोड अनुबंधों में, रियायतकर्ता निर्माण अवधि के दौरान और उसके बाद रियायत अवधि के अंत तक सड़क का रखरखाव करते हैं। टोल ऑपरेट एंड ट्रांसफर (टीओटी) / आईएनवीआईटी समझौतों के विशेष प्रयोजन वाहनों के रियायतकर्ता रियायत अवधि के दौरान सड़क का रखरखाव करते हैं।
बाकी राष्ट्रीय राजमार्ग के हिस्सों का रखरखाव आम तौर पर प्रदर्शन आधारित रखरखाव अनुबंध और अल्पकालिक रखरखाव अनुबंध (एसटीएमसी) के ठेकेदारों द्वारा किया जाता है।
पुलों सहित राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए दृश्य और उपकरण आधारित आवधिक निरीक्षण, मूल्यांकन और निगरानी अनिवार्य की गई है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि समय पर मरम्मत/पुनर्वास हस्तक्षेप के माध्यम से राष्ट्रीय राजमार्गों के विभिन्न घटकों की संरचनात्मक अखंडता को बनाए रखा जा सके। कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण पुलों में समयोचित संरचनात्मक स्वास्थ्य निगरानी भी की जाती है।
मंत्रालय ने देश में पूरे राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क पर पुलों और अन्य संरचनाओं की निगरानी और रखरखाव के लिए भारतीय पुल प्रबंधन प्रणाली को भी मंजूरी दी है। यह जानकारी केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में दी।