@ नई दिल्ली
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज 5 सितंबर, 2024 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में 82 चयनित पुरस्कार विजेताओं को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2024 प्रदान करेंगी। भारत हर साल 5 सितंबर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के रूप में मनाता है।
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार का उद्देश्य देश में शिक्षकों के अद्वितीय योगदान को सेलिब्रेट करना और उन शिक्षकों को सम्मानित करना है, जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता और समर्पण के जरिए न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर किया है, बल्कि अपने विद्यार्थियों के जीवन को भी समृद्ध बनाया है। प्रत्येक पुरस्कार में योग्यता का प्रमाण पत्र, 50,000 रुपये का नकद पुरस्कार और एक रजत पदक दिया जाता है। पुरस्कार विजेताओं को माननीय प्रधानमंत्री के साथ बातचीत करने का अवसर भी मिलेगा।
शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इस वर्ष के राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कारों के लिए 50 शिक्षकों का चयन किया है। इनका चयन स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा तीन चरणों, यानी जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर की चयन प्रक्रिया के जरिए एक कठोर पारदर्शी और ऑनलाइन प्रक्रिया के जरिए किया गया है। ये चयनित 50 शिक्षक 28 राज्यों, 3 केंद्र शासित प्रदेशों और 6 संगठनों से हैं। इन चयनित 50 शिक्षकों में से 34 पुरुष, 16 महिलाएं, 2 दिव्यांग और 1 दिव्यांग बच्चों के साथ काम करने वाले शिक्षक हैं। इसके अलावा, उच्च शिक्षा विभाग के 16 शिक्षक और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के 16 शिक्षकों को भी सम्मानित किया जाएगा।
एनईपी 2020 का भी ये मानना है कि छात्रों, संस्थानों और इस पेशे की बेहतरी के लिए प्रेरित, ऊर्जावान और सक्षम संकाय बहुत महत्वपूर्ण है। इसमें शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र में उत्कृष्टता की संस्कृति विकसित करने के लिए पुरस्कार और मान्यता जैसे प्रोत्साहनों की भी परिकल्पना की गई है। इस तरह वर्ष 2023 में एनएटी के अंतर्गत उच्च शिक्षा संस्थानों और पॉलिटेक्निक के लिए पुरस्कारों की दो श्रेणियां स्थापित करने का निर्णय लिया गया, जो अब तक केवल स्कूल शिक्षकों तक ही सीमित थीं। इसमें चयनित 16 शिक्षक पॉलिटेक्निक, राज्य विश्वविद्यालयों और केंद्रीय उच्च शिक्षा संस्थानों से हैं।