@ जयपुर राजस्थान :
वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संजय शर्मा ने अपने तीन दिवसीय तमिलनाडु दौरे के दौरान गुरूवार को तिरूचिरापल्ली जिले के पलायम रिजर्व वन क्षेत्र में स्थित हाथी बचाव और पुनर्वास केंद्र का निरीक्षण किया।
मंत्री शर्मा ने हाथियों को ग्रीष्म ऋतु में बढते तापमान से बचाने के लिए वहां की गई शॉवर बाथ, मड बाथ, स्वीमिंग पूल, हाथियों के आहार, रहने के स्थान, कूलर, पंखे, फॉगर आदि की विशेष व्यवस्थाओं का अवलोकन किया। साथ ही
उन्होंने तमिलनाडु वन विभाग के कार्मिकों से हाथियों के पुनर्वास हेतु की गई अन्य सुविधाओं की जानकारी लेकर हाथियों के बचाव एवं पुनर्वास के लिए की गई बुनियादी व्यवस्थाओं बेहतरिन बताया। उन्होंने कहा कि तिरूचिरापल्ली के हाथी बचाव और पुनर्वास केंद्र के दौरे के अनुभव का लाभ प्रदेश में हाथियों का संरक्षण में दिशा हो सकेगा।
बटरफ्लाई कंजर्वेटरी का किया निरीक्षण—
मंत्री शर्मा ने तिरूचिरापल्ली जिले में स्थित ट्रॉपिकल बटरफ्लाई कंजर्वेटरी का निरीक्षण कर वहां बटरफ्लाई पार्क के बनने की प्रक्रिया के साथ-साथ तितलियों के रखरखाव के बारे में जानकारी ली जिस पर वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 25 एकड में फैले कंजर्वेटरी में करीब 129 तितलियों की प्रजाति है और यह एशिया का सबसे बडा तितली कंजर्वेटरी है।
साथ ही वातावरण के अनुकूल तितलियों के लिए समुचित व्यवस्थाएं यहां की गई है। उन्होंने कहा कि तितलियां पारिस्थितिकी तंत्र के स्वस्थ वातावरण, जैव विविधता के संरक्षण और पृथ्वी पर जीवन को बनाए रखने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भविष्य में राजस्थान में भी ऐसे पार्क बनें इसके लिए प्रयास किए जाएंगे।