सारंडा के छोटानागरा पंचायत के गांव में मलेरिया से बच्ची सुमन हंसदा की मौत

@ सिद्धार्थ पाण्डेय /चाईबासा (पश्चिम सिंहभूम ) झारखं

सारंडा के गांवों में मलेरिया ने फिर विस्फोटक रुप धारण कर लिया है। छोटानागरा के धर्मरगुटू गांव निवासी ढा़ई वर्षीय मासूम बच्ची सुमन हंसदा पिता राजेश हंसदा की मौत सेल की किरीबुरु अस्पताल में 26 जुलाई की रात लगभग 11 बजे इलाज के क्रम में हो गई।

इस बच्ची को काफी गंभीर स्थिति में परिजन मौत से कुछ देर पहले सेल अस्पताल में लाया था। चिकित्सक व चिकित्सा टीम उसे बचाने हेतु लगभग एक घंटा तक निरंतर प्रयास करते रहे। तत्काल उसे रक्त चढा़या भी जाने लगा लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। छोटानागरा क्षेत्र में चिकित्सा की कोई व्यवस्था नहीं होने की वजह से ग्रामीण अंधविश्वास का सहारा लेने को मजबुर हैं। मृत बच्ची के परिजन भी अंधविश्वास का सहारा लिए थे।

इसके अलावे छोटानागरा अस्पताल व क्षेत्र में कोई नियमित चिकित्सक, एम्बुलेंस तक की व्यवस्था नही होने की वजह से बच्ची को अस्पताल लाने में काफी विलम्ब हो गया। छोटानागरा में एक एम्बुलेंस की मांग वर्षों से सरकार व जनप्रतिनिधि से की जा रही है लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा है। अस्पताल भवन तो नया बना है लेकिन डाक्टर की स्थायी नियुक्ति नहीं है। सारंडा में नक्सलियों से लोहा ले रहे जवान भी निरंतर मलेरिया से ग्रसित हो रहे हैं। इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग सोई हुई है। छोटानागरा क्षेत्र के तमाम गांवों में मलेरिया रोग विस्फोटक हो चुका है।

प्रायः गांवों में कई लोग मलेरिया से ग्रसित हैं। सभी मरीज छोटानागरा चौक स्थित अनवर मेडिकल स्टोर से जरूरी दवा लेकर जैस – तैसे इलाज कराने को मजबूर हैं।हर वर्ष वर्षात के मौसम में छोटानागरा पंचायत के गांवों में मलेरिया विस्फोट होता है जिसमें कई ग्रामीण व बच्चे की जान जाती है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग इस गंभीर समस्या से निपटने हेतु पहले से तैयार नहीं रहता है। गांवों में शुद्ध पेयजल की भी समस्या हमेशा रहती है। सिर्फ कागजों पर काम होता है, धरातल पर यहाँ कुछ दिखाई नहीं देता है जिससे ग्रामीण परेशान हैं।

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