@ नई दिल्ली :
तेजी से शहरीकरण के चलते बड़ी चुनौतियां उत्पन्न होती हैं और भारतीय शहरों में सुरक्षित स्वच्छता बड़ी चिंताओं में से एक है। स्वच्छ भारत मिशन शहरी 2.0 के तहत खुले में शौच मुक्त (ODF) से ODF++ की दिशा में परिवर्तन गति प्राप्त कर रहा है और शहरों में सुरक्षित रूप से प्रबंधित स्वच्छता प्रणालियों को प्राथमिकता दी जा रही है। इसी उद्देश्य से आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA), उत्तर प्रदेश सरकार, USAID, BMGF और वॉश संस्थान के सहयोग से 19-20 नवंबर 2024 को लखनऊ में ‘शहरी क्षेत्रों में सुरक्षित स्वच्छता को बढ़ावा देने’ के विषय पर लखनऊ में दो दिवसीय कार्यशाला करा रहा है। विश्व शौचालय दिवस 2024 का विषय, “शौचालय: एक शांतिपूर्ण स्थल” है, जो स्वच्छता और स्थायी समाधानों पर प्रकाश डालता है। कार्यशाला में स्वच्छता, शौचालयों के बुनियादी ढांचे और उपयोग किए गए जल के प्रबंधन संबंधी विशेषज्ञ एक साथ आ रहे हैं।
कार्यशाला के दौरान माननीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने स्वच्छ भारत मिशन की दशकीय उपलब्धियों पर वीडियो संदेश दिया। उन्होंने सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार, शिशु मृत्यु दर कम करने, रोजगार को बढ़ावा देने, छात्राओं की शिक्षा और महिला सुरक्षा बढ़ाने में शौचालयों के प्रभाव पर माननीय प्रधानमंत्री के विजन पर विचार रखे।स्वच्छता में प्रगति को स्वीकारते हुए, उन्होंने शहरीकरण से सुरक्षित स्वच्छता में चुनौतियों का भी जिक्र किया और व्यक्तिगत शौचालयों से सामुदायिक शौचालय मॉडल तक, विभिन्न समाधान तलाशने का आग्रह किया। क्लीन टॉयलेट कैंपेन 2024 का शुभारंभ करते हुए उन्होंने कहा, स्वच्छता निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है और सभी हितधारकों से शौचालयों की मरम्मत एवं रखरखाव का भी आग्रह किया, ताकि सभी के लिए सुरक्षित स्वच्छता सुनिश्चित हो सके।
आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय राज्य मंत्री तोखन साहू ने कहा, मिशन के अंतर्गत स्वच्छता की यात्रा हमारे संस्कारों का हिस्सा बन चुकी है।उन्होंने क्लीन टॉयलेट कैंपेन 2024 के अंतर्गत ‘स्वच्छ शौचालय, हमारी ज़िम्मेदारी’ पहल पर राज्यों से स्वच्छ, सुरक्षित और सुलभ शौचालय सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए प्रतिभागियों को विचार साझा करने और चुनौतियों से सीखने के लिए प्रोत्साहित किया।
भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने मिशन के वैश्विक प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए सुरक्षित स्वच्छता, प्रयुक्त जल प्रबंधन, छात्राओं को सशक्त बनाने पर जोर दिया उत्तर प्रदेश के शहरी विकास मंत्री अरविंद कुमार शर्मा और शहरी विकास विभाग प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने भारत में स्वच्छता की दिशा में बदलाव, व्यवहार परिवर्तन के महत्व सहित मशीनीकरण अपनाकर सफाई कर्मचारियों का सुरक्षा एवं सम्मान सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया। राष्ट्रीय कार्यशाला में आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय की संयुक्त सचिव एवं एसबीएम की राष्ट्रीय निदेशक रूपा मिश्रा ने सुरक्षित स्वच्छता तक आमजन की पहुंच से लेकर ओडीएफ की यात्रा को निरंतर बनाए रखने, व्यवस्थाओं को मजबूत करने सहित शहरी शौचालयों की सफाई और रखरखाव को प्राथमिकता देने पर जोर दिया।
सुरक्षित स्वच्छता तक पहुंच पर ध्यान केंद्रित करते हुए स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के पार्टनर्स, USAID,BMGF और अमेरिकी दूतावास के नेताओं ने मिशन के लिए समर्थन पर चर्चा की। वर्क फेयर एंड फ्री, HUL, सुलभ इंटरनेशनल, टॉयलेट बोर्ड गठबंधन आदि के विशेषज्ञों ने शहरी प्रवास, सामुदायिक शौचालय और स्थायी स्वच्छता पर चर्चा की। “मैनहोल से मशीन होल” पर सत्रों में मशीनीकरण, सफाई कर्मचारियों को सशक्त बनाने और सीवर प्रबंधन के लिए अभिनव समाधानों पर चर्चा की गई। MoHUA ने स्वच्छता पोर्टल और स्वच्छता डेटाबेस प्रस्तुत किया। कार्यशाला के दौरान, क्लीन टॉयलेट कैंपेन (CTC) – 2024 का शुभारंभ किया गया।
सामुदायिक शौचालयों में PPP मॉडल के लिए HUL के साथ और हाई फुटफ़ॉल क्षेत्रों में शौचालयों के लिए सुलभ इंटरनेशनल के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। एसटीपी, फीकल स्लज मैनेजमेंट, बहुमंजिला एसटीपी और सार्वजनिक शौचालय वास्तुकला के लिए डिजाइन संबंधी दिशानिर्देश भी जारी किए गए। सभी गणमान्य व्यक्तियों ने एसबीएम-यू के दशक पर आधारित प्रदर्शनी का भी निरीक्षण किया, जिसमें एसबीएम 2.0 की प्रमुख पहलों को प्रदर्शित किया गया, इनमें शौचालय 2.0, प्रयुक्त जल प्रबंधन (यूडब्ल्यूएम) और मैनहोल से मशीन होल (एम2एम) तकनीक आदि शामिल हैं।
मिशन ने 19 नवंबर (विश्व शौचालय दिवस) से 25 दिसंबर (सुशासन दिवस) 2024 तक 5 सप्ताह का क्लीन टॉयलेट कैंपेन 2024 ‘स्वच्छ शौचालय, हमारी जिम्मेदारी’ के संदेश के साथ शुरू किया है। उद्देश्य देश भर में 70,000 से अधिक सामुदायिक-सार्वजनिक शौचालयों की तस्वीर बदलना है, जिसमें उनकी साफ-सफाई, रखरखाव और सौंदर्यीकरण पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इस कैंपेन के माध्यम से भारत के शहरों में सभी सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालयों का कायाकल्प करने का संकल्प लिया गया है।