शिक्षा मंत्रालय ने विशिष्ट अध्ययन विकलांगता पर क्षमता निर्माण कार्यक्रम का दूसरा चक्र आरंभ किया

@ नई दिल्ली

शिक्षा मंत्रालय ने मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत विशिष्ट अध्ययन विकलांगता पर अपने क्षमता निर्माण कार्यक्रम के दूसरे चक्र की शुरुआत की। पहले चक्र की सफलता के आधार पर, इस कार्यक्रम को उच्च शिक्षण संस्थानों को विशिष्ट अध्ययन विकलांगता वाले छात्रों का समर्थन करने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान से सशक्त बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

शिक्षा मंत्रालय में उच्च शिक्षा सचिव के. संजय मूर्ति उच्च शिक्षा के अपर सचिव एस.के. बर्नवाल; उच्च शिक्षा की संयुक्त सचिव रीना सोनोवाल कौली उच्च शिक्षा निदेशक देवेंद्र कुमार शर्मा और चेंजइंक फाउंडेशन की सह-संस्थापक नूपुर झुनझुनवाला दूसरे चक्र के शुभारंभ के अवसर पर उपस्थित रहीं।

45 चिन्हित केंद्रीय वित्तपोषित उच्च शिक्षा संस्थानों जैसे -सीयू, आईआईटी, आईआईआईटी, एनआईटी, आईआईएसईआर, सीएफटीआई, एसपीए, एनआईटीटीटीआर आदि संस्थानों के प्रमुख और संकाय वर्चुअल मोड के माध्यम से इसमें शामिल हुए।

उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर काबू पाने के लिए यह आवश्यक है कि सीखने की अक्षमताओं पर एक नियमित क्षमता कार्यक्रम आयोजित किया जाए। उन्होंने यह भी बताया कि मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत छात्रों में विशिष्ट अध्ययन अक्षमताओं के संदर्भ में प्रमुख हितधारकों की क्षमता निर्माण के साथ आरंभ करने के लिए एक कार्यक्रम की अवधारणा कैसे बनाई गई है।

‘विशिष्ट अध्ययन अक्षमताओं पर क्षमता निर्माण कार्यक्रम’ का पहला दौर जनवरी से जुलाई 2024 तक चेंजइंक फाउंडेशन के साथ भागीदारी में आयोजित किया गया था। पहले दौर में, केंद्रीय विश्वविद्यालयों, आईआईटी, आईआईआईटी, आईआईएम, आईआईएसईआर, एसपीए और एनआईटी सहित 27 उच्च शिक्षा संस्थानों के एक समूह ने कार्यक्रम में भाग लिया।

इस कार्यक्रम का फोकस पांच विभागों के प्रमुखों के साथ-साथ प्रत्येक विभाग से दो-दो नामित व्यक्ति सहित संस्थानों के प्रमुखों को संवेदनशील बनाने पर होगा। प्रतिभागी परस्पर संवादमूलक कार्यशालाओं, विशेषज्ञों के नेतृत्व वाली संगोष्ठियों और व्यावहारिक सत्रों की एक श्रृंखला में शामिल होंगे, जिसका उद्देश्य समावेशी अध्ययन वातावरण बनाने की उनकी क्षमता को बढ़ाना है। सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद, छह महीने के चक्र में उच्च शिक्षा संस्थानों के नए समूह के साथ इसे दोहराया जाएगा।

एस.के. बर्नवाल ने कहा कि समावेशी शिक्षा की महत्वपूर्ण आवश्यकता को देखते हुए, यह कार्यक्रम छात्रों की विविध आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए शिक्षकों को आवश्यक विशेषज्ञता से सुसज्जित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने उच्च शिक्षा संस्थानों से आगे आने और विशिष्ट अध्ययन विकलांगताओं वाले छात्रों से संबंधित मुद्दों पर ध्यान देने में अग्रिम भूमिका निभाने की अपील की।

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