@ भोपाल मध्यप्रदेश
फरीदाबाद में 7 से 23 फरवरी तक चल रहे सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले में सोमवार को मध्यप्रदेश दिवस का आयोजन किया गया। इस वर्ष प्रदेश थीम स्टेट के रूप में भागीदारी कर रहा है। सांस्कृतिक संध्या में प्रदेश की कला और संस्कृति का चित्रण करते नाट्य ‘बैजू बावरा’ और नृत्य-नाटिका ‘वीरांगना रानी दुर्गावती’ की मनमोहक प्रस्तुतियां हुई।
हिंदी नाटक ‘बैजू बावरा’ में चंदेरी के कलाकारों द्वारा बैजू बावरा के संगीत क्षेत्र में अद्वितीय योगदान को दर्शाया गया। नाटक में बैजू बावरा के जीवन से जुड़ी घटनाओं को नृत्य, गायन और संवादों के माध्यम से भारतीय संगीत के गौरवशाली इतिहास को दर्शकों के सामने लाया गया। इसका लेखन और निर्देशन श्री नदीम खान, संगीत रचना श्री पार्थो घोष और परिकल्पना एवं संयोजन डॉ. आलोक चौबे ने किया है।
भोपाल के श्री रामचंद्र सिंह के निर्देशन में नृत्य-नाटिका ‘वीरांगना रानी दुर्गावती’ का मंचन हुआ। नृत्य-नाटिका के माध्यम से वीरांगना रानी दुर्गावती के जीवन, पराक्रम और बलिदान की गाथा को जीवंत कर दर्शकों के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा मेले में मध्यप्रदेश की विशेषताओं को दर्शाते हुए विशेष मंडप भी लगाया गया है, जिसमें पर्यटकों को प्रदेश के प्रमुख ऐतिहासिक, धार्मिक और प्राकृतिक स्थलों की जानकारी दी जा रही है। मंडप को विशेष रूप से पारंपरिक स्थापत्य शैली में डिजाइन किया गया है। यहां डिजिटल डिस्प्ले और ऑडियो-विजुअल प्रेजेंटेशन के माध्यम से पर्यटकों को एक समृद्ध अनुभव प्रदान किया जा रहा है।