@ श्रीनगर जम्मू और कश्मीर
सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति है। सरकार का दृष्टिकोण आतंकी इको-सिस्टम को नष्ट करना है। जम्मू-कश्मीर में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए सुरक्षा उपायों को मजबूत किया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं को रोकने के लिए अपनाई गई रणनीतियों और की गई कार्रवाइयों में निम्नलिखित शामिल हैं:
- आतंकवादियों और उनके सहायक ढांचों के खिलाफ प्रभावी, निरंतर और सतत कार्रवाई।
- सरकार द्वारा अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करके आतंकी इको-सिस्टम को नष्ट करना।
- आतंकवादियों और उनके सहयोगियों की संपत्तियों को कानून की संबंधित धाराओं के तहत जब्त/कुर्क करने जैसे आतंकी वित्त पर कार्रवाई तथा राष्ट्र विरोधी संगठनों पर प्रतिबंध लगाना।
- रोकथाम के अभियानों में आतंकवाद के रणनीतिक समर्थकों की पहचान करना और आतंकवाद को सहायता व बढ़ावा देने के उनके तंत्र को उजागर करने के लिए जांच शुरू करना।
- घुसपैठ को रोकने के लिए बहुआयामी रणनीति।
- आतंकवाद विरोधी ग्रिड को मजबूत करना।
- सुरक्षा उपकरणों के आधुनिकीकरण और मजबूती पर विशेष ध्यान।
- रणनीतिक बिंदुओं पर चौबीसों घंटे की नाकाबंदी।
- आतंकवादी संगठनों द्वारा उत्पन्न चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए गहन घेराबंदी और तलाशी अभियान।
- जम्मू और कश्मीर में कार्यरत सभी सुरक्षा बलों के बीच वास्तविक समय के आधार पर खुफिया जानकारी साझा करना।
- दिन और रात में पूरे क्षेत्र पर नियंत्रण।
उपरोक्त रणनीतियों और कार्रवाइयों के कारण जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं की संख्या में कमी आई है। विवरण इस प्रकार हैं:
विवरण | 2018 | 2023 | 2024 (21 जुलाई, 2024 तक) | |
संगठित पत्थरबाजी | 1328 | 00 | 00 | |
संगठित हड़ताल | 52 | 00 | 00 | |
आतंकवादियों द्वारा शुरू की गई घटनाएं | 228 | 46 | 11 | |
मुठभेड़/सीटी ऑपरेशन | 189 | 48 | 24 | |
शहीद सुरक्षा बल | 91 | 30 | 14 | |
मारे गए नागरिक | 55 | 14 | 14 |
(स्रोत: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर)
गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
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