टिहरी बांध का निर्माण किसी आश्चर्य और इंजीनियरिंग चमत्कार से कम नहीं है : मनोहर लाल

@ देहरादून उत्तराखंड

केंद्रीय विद्युत,आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल में 2400 मेगावाट टिहरी पावर कॉम्प्लेक्स में चल रहे कार्यों का निरीक्षण किया।

अपनी इस यात्रा के दौरान मनोहर लाल ने 1000 मेगावाट के टिहरी पंप स्टोरेज प्लांट में चल रही निर्माण गतिविधियों का निरीक्षण किया। यह THDCIL के अंतर्गत एक प्रमुख परियोजना है जो भारत के नवीकरणीय ऊर्जा बुनियादी ढांचे का एक महत्वपूर्ण घटक है।

केंद्रीय मंत्री ने बटरफ्लाई वाल्व चैंबर, मशीन हॉल और टिहरी पीएसपी के आउटफॉल सहित कई प्रमुख क्षेत्रों का विस्तृत निरीक्षण किया। उन्होंने नदी को जोड़ने के कार्य की समीक्षा की, जो पीएसपी को मौजूदा जल प्रबंधन प्रणालियों में एकीकृत करने का एक महत्वपूर्ण पहलू है।

मौजूदा प्रयासों की सराहना करते हुए मनोहर लाल ने THDC की पूरी टीम को नवीकरणीय और विश्वसनीय जलविद्युत उत्पादन को आगे बढ़ाने की दिशा में उनके अथक समर्पण और कड़ी मेहनत के लिए बधाई दी। उन्होंने टीम की महत्वपूर्ण उपलब्धियों और 2400 मेगावाट टिहरी पावर कॉम्प्लेक्स के विकास में स्थापित किए गए उच्च मानकों को स्वीकार करते हुए इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे जलविद्युत परियोजनाओं में THDC का योगदान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण को वास्तविक रूप दे रहा है। उन्होंने कहा कि टिहरी बांध THDCIL के लिए एक उल्लेखनीय उपलब्धि है, जो ऐसे समय में पूरा हुआ है, जब इतने बड़े बांध का विचार लगभग अकल्पनीय लग रहा है। टिहरी बांध का विकास अपने आप में किसी आश्चर्य और इंजीनियरिंग चमत्कार से कम नहीं है।

THDC प्रबंधन और कर्मचारियों को संबोधित करते हुए मंत्री महोदय ने जलवायु परिवर्तन से निपटने और राष्ट्र की ऊर्जा सुरक्षा का समर्थन करने में जलविद्युत के रणनीतिक महत्व पर जोर दिया। उन्होंने पूरी टीम से अपनी गति बरकरार रखने और शेष परियोजना चरणों को निर्धारित समय-सीमा में पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करने का अनुरोध किया। उन्होंने जलविद्युत प्रौद्योगिकी की सीमाओं को आगे बढ़ाने में THDCIL के प्रयासों की प्रशंसा की और टीम से उत्कृष्टता के लिए अपने प्रयास जारी रखने का आग्रह किया।

THDCI L के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आर.के. विश्नोई ने मंत्री महोदय को उनके इस दौरे तथा उत्साहवर्धक शब्दों के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने भारत के लिए एक सतत ऊर्जा भविष्य में योगदान देने के व्यापक मिशन के हिस्से के रूप में टिहरी पावर कॉम्प्लेक्स और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए THDCIL की प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की। यह दौरा THDCIL टीम के बीच उद्देश्य की नई भावना के संचार के साथ संपन्न हुआ, जो भारत के जलविद्युत क्षेत्र के भविष्य के लिए मंत्री महोदय के विज़न के साथ-साथ उस विज़न को साकार करने में उनकी भूमिका से प्रेरित रही।

मंत्री महोदय के साथ आये विद्युत मंत्रालय के प्रतिष्ठित प्रतिनिधिमंडल की THDC इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आर.के. विश्नोई, निदेशक (कार्मिक) शलिन्दर सिंह, निदेशक (तकनीकी) भूपेन्द्र गुप्ता तथा THDCIL के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया।

टिहरी हाइड्रो पावर कॉम्प्लेक्स के बारे में कुछ जारी:

THPC गंगा नदी की सहायक नदी भागीरथी पर बनी एक बहुउद्देशीय योजना है। इसे मानसून के दौरान भागीरथी नदी के फालतू पानी का संग्रह करने तथा गैर-मानसून अवधि के दौरान उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के गंगा के मैदानी इलाकों में रहने वाले लोगों की सिंचाई और पेयजल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इस संग्रहित जल को उपलब्ध कराने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस परियोजना से 2400 मेगावाट बिजली का उत्पादन भी किया जाता है।

टिहरी एचपीसी में निम्नलिखित परियोजना शामिल हैं:

टिहरी हाइड्रो पावर प्लांट (टिहरी एचपीपी) – 1000 मेगावाट (4×250 मेगावाट)

2. कोटेश्वर जल विद्युत परियोजना (कोटेश्वर एचईपी) – 400 मेगावाट (4×100 मेगावाट)

3. टिहरी पंप स्टोरेज प्लांट (टिहरी पीएसपी) – 1000 मेगावाट (4×250 मेगावाट)

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