तमिलनाडु में अंतर्देशीय जलमार्गों का विकास

@ चेन्नई तमिलनाडु :

किसी भी विकास गतिविधियों को शुरू करने से पहले, भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुपालन के लिए पर्यावरण प्रभाव आकलन और पर्यावरण प्रबंधन योजना का अध्ययन करता है, जिससे जलीय जीवन और इको-सिस्‍टम की उचित सुरक्षा हो सके। जहाँ भी आवश्यक हो आवश्यक अनुमोदन प्राप्त किया जाता है।

भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण तमिलनाडु में अंतर्देशीय जलमार्गों में संभावित क्रूज पर्यटन विकास के लिए समझौता ज्ञापन के तहत तमिलनाडु सरकार के पर्यटन विभाग के साथ जुड़ने का इच्‍छा रखता है।

किसी भी विकासात्मक गतिविधि को शुरू करने से पहले, विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जाती है, जिसमें जलग्रहण क्षेत्र में होने वाले आर्थिक लाभों को शामिल किया जाता है तथा विस्तृत परियोजना रिपोर्ट की सिफारिशों का यथासंभव पालन किया जाता है।

अंतर्देशीय जल परिवहन मोड परिवहन के अन्य साधनों यानी सड़क/रेल की तुलना में परिवहन का एक सस्ता तरीका है और इस मोड में वस्तुओं के मॉडल में बदलाव से रसद लागत कम हो सकती है। तापी नदी (एनडब्‍ल्‍यू-100), अंबा नदी (एनडब्‍ल्‍यू -10), जयगढ़ क्रीक-शास्त्री नदी (एनडब्‍ल्‍यू -91) के किनारे प्रमुख औद्योगिकीकरण इसका एक प्रमुख उदाहरण है, जो सामूहिक रूप से अंतर्देशीय जलमार्गों पर लगभग 98.67 एमएमटी कार्गो को ले जाता है। यह जानकारी केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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