विरासत में चला प्रसिद्ध बांसुरी वादक प्रवीण गोडखिंडी का जादू

@ देहरादून उत्तराखंड

विरासत महोत्सव में सुबह का दिन भिन्न-भिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राओं द्वारा क्विज प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने का रहा, जिसमें सभी छात्र छात्राओं ने पूरे उल्लास और जज्बे के साथ प्रतियोगिता को आकर्षक एवं शाबाशी हासिल करने वाला बनाया ।

विरासत साधना में आज की सुबह स्कूली बच्चों के लिए कुछ दिमागी कसरत करने एवं इतिहास को जानने वाली रही । आयोजित की गई क्विज प्रतियोगिता में भिन्न-भिन्न स्कूलों के दो दो बच्चे लेकर जोड़ी बनाते हुए उनसे प्रश्न के उत्तर मांगे गए । दून इंटरनेशनल स्कूल, श्री गुरु राम राय पब्लिक स्कूल बालावाला सहित अनेक स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने प्रतियोगिता में पूरे जोश और खरोश के साथ भाग लिया ।

प्रतिभाग करने वाले छात्र-छात्राओं में अनन्या, ऐश्वर्या रावत,शिवाली,किरण गुसाईं, हर्षित भंडारी,यशराज आदि शामिल रहे । प्रतियोगिता में सर्वप्रथम प्रश्न पत्र देकर उन पर उत्तर मांगे गए इस प्रतियोगिता में अधिकतर बच्चों ने बिल्कुल सही जवाब दिए और शाबाशी के साथ सर्टिफिकेट हासिल किया तत्पश्चात कुछ तस्वीरें वृत्त चित्र के रूप में प्रदर्शित करके उनके विषय में आयोजक टीम द्वारा उत्तर मांगे गए । इस सेकंड राउंड की प्रतियोगिता में भी बहुत ही सही सटीक जवाब छात्र-छात्राओं ने देकर शानदार प्रदर्शन होनहार,एवं जज्बा तथा हौसला लिए छात्र-छात्राओं ने किया ।

आयोजित की गई इस दिलचस्प प्रतियोगिता में देश के भिन्न-भिन्न राज्यों में लोकप्रिय माने जाने वाली कमल ककड़ी, बटर टी, घेवर, चटनी भट्ट के अलावा कई फूड आइटम कपड़ों के परिधान के अतिरिक्त ऐतिहासिक धरोहरों से संबंधित सवाल स्कूली बच्चों से प्रतियोगिता के दौरान पूछे । कुल मिलाकर आयोजित की गई क्विज प्रतियोगिता इतिहास को जानने के लिए और अपने करियर को मजबूत करने के लिए कामयाब साबित हुई । इस दौरान बच्चों में जिज्ञासा, हौसला, जुनून और जज्बा काफी अधिक देखा गया ।

विरासत में चला प्रसिद्ध बांसुरी वादक प्रवीण गोडखिंडी का जादू

विरासत महोत्सव में आज की संध्या बहुत ही खूबसूरत तब हो गई, जब सुविख्यात बांसुरी वादक प्रवीण गोडखिंडी ने अपने सांस्कृतिक बांसुरी वादन बहुत ही सुरीले अंदाज में प्रस्तुत किया । उनके बांसुरी वादन को सुन और देखकर सभी श्रोतागण एवं प्रशंसक गदगद ही नहीं हुए बल्कि झूमने भी लगे । उन्होंने राग मारू बिहाग से बांसुरी वादन की शुरुआत की, पंडित मिथिलेश झा ने तबले की मन मोह लेने वाली थाप देकर उनका साथ दिया । दोनों की जुगलबंदी बहुत ही शानदार और आकर्षण का केंद्र बनी रही । इस विरासत की शाम का मन और हृदय को छू लेने वाला नज़ारा व बांसुरी वादन सभी के दिलों को छू कर मन में समा रहा था ।

प्रवीण गोडखिंडी का नाम बांसुरी वादन में देश ही नहीं विदेशों में भी लोकप्रिय है यही कारण है कि आज विरासत में उनको सुनने और देखने के लिए अपार भीड़ श्रोताओं की रही । वे हिंदी के एक भारतीय शास्त्रीय हिंदुस्तानी बांसुरी वादक हैं।

उन्होंने बांसुरी बजाने की तंत्रकारी और गायकी दोनों शैलियों में महारथ हासिल की है। वे आकाशवाणी (एआईआर) द्वारा हिंदुस्तानी बांसुरी में शीर्ष रैंकिंग वाले कलाकार हैं। खास बात यह है कि उन्होंने 3 साल की उम्र में एक छोटी बांसुरी बजाना शुरू किया और 6 साल की उम्र में अपना पहला सार्वजनिक प्रदर्शन किया। उन्होंने गुरु पंडित वेंकटेश गोडखिंडी और विद्वान अनूर अनंत कृष्ण शर्मा के कुशल मार्गदर्शन में प्रशिक्षण प्राप्त किया।

पेशे से एक इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर हैं और उनका जुनून हमेशा संगीत रहा है।

उन्होंने उस्ताद जाकिर हुसैन, डॉ. बालमुरली कृष्ण, पंडित विश्व मोहन भट्ट, डॉ. कादरी गोपालनाथ और कई प्रतिष्ठित संगीतकारों जैसे प्रतिष्ठित संगीतकारों के साथ प्रदर्शन किया है। उन्होंने अर्जेंटीना के मेंडोज़ा में विश्व बांसुरी महोत्सव में बांसुरी का प्रतिनिधित्व किया है और उन्हें बेरू और विमुक्ति फिल्मों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार दिए गए हैं। उन्हें सुरमणि,नाद-निधि, सुर सम्राट,कलाप्रवीण, आर्यभट्ट,आस्था संगीत विद्वान की उपाधियों से सम्मानित किया गया। सौभाग्य से उन्होंने कई बड़े नामों के साथ काम किया है और कृष्णा नाम से अपना खुद का बैंड भी बनाया है। वह टीवी पर संगीतमय मनोरंजक कार्यक्रमों के संगीतकार और निर्माता हैं। वह कहते हैं कि मैंने उस समय बांसुरी को मुख्य वाद्य के रूप में उपयोग करने की पूरी कोशिश की, जब गायन को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता था। उन्होंने संगीत की विभिन्न शैलियों में काम किया है, लेकिन कभी भी व्यावसायिक रिकॉर्डिंग के लिए शास्त्रीय संगीत की उपेक्षा नहीं की।

तत्पश्चात् लोकप्रिय पार्श्व गायक उस्मान मीर के सुर-संगीतों से पूर्व आज की सांस्कृतिक संध्या का विधिवत शुभारंभ आज के मुख्य अतिथि ओएनजीसी के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री सुभाष कुमार व ओएनजीसी के ही पूर्व निदेशक मानव संसाधन डॉ. ए.के. बालियान द्वारा संयुक्त रुप दीप प्रज्वलित कर किया गया । दीप प्रज्वलन कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि के साथ रिच संस्था के महासचिव श्री आरके सिंह, विजयश्री जोशी, व्यवस्था अधिकारी श्री प्रदीप मैथल भी उपस्थित रहे ।

उस्मान मीर के राग-गीतों की शानदार प्रस्तुतियों पर विरासत की महफिल जगमग हो उठी

उस्मान मीर के पॉप-सुर-ताल-राग-गीतों की शानदार प्रस्तुतियों पर विरासत की महफिल जगमग हो उठी , उनके द्वारा संग विच एक पल चैन न आवे,,,,,,,लंबी जुदाई,,,,एक तू सजना मेरे पास नहीं है,,,,,,मैं रहूं न रहूं,,,, पलकों में छुपाके सजदा करूं,,,,, चलते चलते मुझे कोई मिल गया था,,,,,, सारी रात चलते चलते,,,,,, राग गीतों पर लोगों ने पूरा आनंद उठाया ।

उस्मान मीर पॉप अथवा पार्श्व गायक की दुनिया का एक बहुत बड़ा जाना माना नाम है । उनके गीतों को सुनने के लिए देश-विदेश में प्रशंसकों की तादाद कुछ कम नहीं है । आज की विरासत महफिल में भी इसी खास एवं अति लोकप्रिय उस्मान मीर का आगमन हुआ और उनकी शानदार प्रस्तुति हुई । उनका गायन सुनने के लिए पंडाल और पंडाल के बाहर विरासत के परिसर में मौजूद हजारों श्रोतागण बहुत बेताब हुए और जैसे ही उन्होंने सांस्कृतिक संध्या में अपनी प्रस्तुति दी तो विरासत का वातावरण मग्न मुग्ध हो उठा । उस्मान मीर, एक भारतीय पार्श्व गायक हैं, जिनके गीत मुख्य रूप से हिंदी और गुजराती में हैं।उनकी विशेषज्ञता लोक, भारतीय शास्त्रीय,भजन और ग़ज़ल जैसी विधाओं में है। वे तबला वादक भी हैं। उनके पहले गुरु उनके पिता हुसैन मीर थे । बाद में उन्होंने आधिकारिक तौर पर इस्माइलभाई दातार के कुशल मार्गदर्शन में प्रशिक्षण लिया।उनके पेशेवर जीवन की यात्रा मोरारी बापू से शुरू हुई। खास बात यह है कि वे ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन के प्रमाणित कलाकार भी हैं।

फिल्म”रामलीला”में उनके गीतों के लिए उन्हें जीआईएमए पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया है। उन्हें ट्रांसमीडिया, कच्छ शक्ति पुरस्कार, गुजरात राज्य सरकार के फिल्म पुरस्कार, गौरववंता-गुजराती पुरस्कार और कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया। आज के कार्यक्रम में उस्मान मीर ने विभिन्न रचनाएँ और विविध शैलियाँ गाकर सभी का दिल जीत लिया।

विरासत महोत्सव में बहुत ही खूबसूरत हैं पीतल से जड़ी हुई आकर्षक जोधपुर टाइल्स और ब्रास फर्नीचर

दीपावली पर अपने घर ले जाना नहीं भूलना है आपको…

यकीनन आपके घर की शोभा बढ़ा देगा यह शीशम और पीतल से सुसज्जित सामान

विरासत महोत्सव में दीपावली पर्व का उत्साह और जश्न देखने को भी मिल रहा है और खरीदारी भी जमकर हो रही है । इसी महोत्सव में जोधपुर टाइल्स और ब्रास फर्नीचर्स भी मुख्य आकर्षण बना हुआ है । बेहद ही आकर्षक ढंग से जोधपुर की टाइल्स और ब्रास फर्नीचर को बहुत ही मेहनत के साथ नक्काशी करते हुए सजाया गया है । जो कि देखते ही सभी को पसंद आ रहा है । महोत्सव मेले में बुक शॉप के पास लगे इस स्टॉल के स्वामी संचालक जोधपुर वाले मोहम्मद नावेद कहते हैं कि शीशम की लकड़ी पर पीतल से की गई बेहतरीन नक्काशी की बहुत मांग रहती है ।

उनका यह भी कहना है कि 1992 से जोधपुर टाइल्स और ब्रास फर्नीचर ऐसे बेहतरीन पीस तैयार कर रहा है, जो पारंपरिक टाइल्स को पीतल की खूबसूरती के साथ मिलाते हैं। इस अनोखे मिश्रण के परिणामस्वरूप फर्नीचर अपनी खूबसूरती और खासियत के लिए सबसे अलग दिखाई देता है। हर पीस ब्रांड की गुणवत्ता और सौंदर्य के प्रति समर्पण को दर्शाता है । इससे विरासत और आधुनिक शिल्प कौशल का एक बेहतरीन मिश्रण बनता है।

One thought on “विरासत में चला प्रसिद्ध बांसुरी वादक प्रवीण गोडखिंडी का जादू

  1. I don’t kno whether it’s juust me or if perhaps everybbody else experiencing prolems withh your website.
    It looks like some of the text on yokur posts are ruunning off the screen. Caan someone eelse please peovide feedback and leet
    mee knpw if this is happening to thrm too? This migtht be a iszue
    withh my weeb bowser because I’ve haad this happen before.
    Appreciate it

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