वन विहार राष्ट्रीय उद्यान भोपाल में वन्य-प्राणी अंगीकरण योजना 1 जनवरी, 2009 को प्रारंभ की थी

@ भोपाल मध्यप्रदेश

वन विहार राष्ट्रीय उद्यान भोपाल में वन्य-प्राणी अंगीकरण योजना एक जनवरी, 2009 को प्रारंभ की गई थी। इस योजना अंतर्गत मास्टर विवान जोशी इंदौर ने पर्यावरण तथा वन्य-प्राणियों के संरक्षण के प्रति प्रेम की ओर अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करते हुए नर भालू “मैक्स’’ को एक मई, 2024 से तीन माह के लिये गोद लिया।

उल्लेखनीय है कि विवान जोशी चौइथराम इंटरनेशनल स्कूल इंदौर के कक्षा नौवीं के छात्र हैं, जिनके द्वारा वन विहार में पहली बार भालू को गोद लिया गया है।

श्री विवान जोशी द्वारा वन विहार के संचालक श्री अवधेश मीना को अंगीकरण के लिये आवश्यक राशि 25 हजार रुपये चैक के माध्यम से प्रदान की गई। वन विहार की संचालक द्वारा विवान जोशी को नर भालू “मैक्स’’ के अंगीकरण बावत प्रमाण-पत्र प्रदाय किया गया।

वन्य-प्राणियों को गोद लेने की यह योजना जन-जन में वन्य-प्राणियों के संरक्षण के प्रति सद्भावना के लिये प्रारंभ की गई है। इसमें व्यक्तिगत, संस्था, कॉर्पोरेट सेक्टर, म.प्र. शासन के उपक्रम, पब्लिक सेक्टर आदि समुदाय के विभिन्न वर्गों की भागीदारी योजना को सही आयाम प्रदान करती है।

कोई भी व्यक्ति अथवा संस्था वन विहार की सूची में दर्शित किसी भी वन्य-प्राणी को मासिक, त्रैमासिक, अर्द्ध-वार्षिक एवं वार्षिक आधार पर गोद ले सकता है। इसके लिये उन्हें इसके लिये नियत राशि “म.प्र. टाइगर फाउण्डेशन सोसायटी’’ के नाम भोपाल में देय चैक अथवा बैंक ड्रॉफ्ट के माध्यम से जमा कर निर्धारित प्रारूप पर आवेदन करना होता है।

गोद लेने के लिये भुगतान की गई राशि आयकर की धारा-80 जी (एस) के प्रावधानों के अंतर्गत छूट के दायरे में आती है। संबंधित को प्रति सप्ताह अधिकतम छ: सदस्यों को एक वाहन के साथ नि:शुल्क प्रवेश की सुविधा प्रदान की जाती है। संबंधित के नाम की पट्टिका गोद लिये गये वन्य-प्राणी के बाड़े के समक्ष एवं दोनों प्रवेश द्वारों पर प्रदर्शन के लिये लगायी जाती है।

इस योजना में आज तक 95 वन्य-प्राणियों को गोद लिया जा चुका है, जिससे वन विहार को आज 78 लाख 72 हजार 180 रुपये की आय हो चुकी है।

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