वनो को आग से बचाने के लिये हुआ मंथन,अपर प्रमुख वन संरक्षक ने की समीक्षा बैठक

@ कमल उनियाल उत्तराखंड :-

वनो का महत्व को देखते हुये वन विभाग एक्शन मोड पर है। पर्यावरण बचाने के लिए वनो को आग से बचाना नितान्त आवश्यक है वनाग्नि सुरक्षा के लिए आमजनो के साथ चेतना तथा विभागीय अधिकारियों के साथ फायर सीजन को लेकर तैयारियो के समन्ध में समीक्षा बैठक की जा रही है।

इसी के तहत अपर प्रमुख वन संरक्षक नरेश कुमार तथा वन संरक्षक शिवालिक राजीव धीमान ने मोडाखाल में कोटद्वार वन प्रभाग के प्रभागीय वना अधिकारी आकाश गंगवार, भूमी संरक्षण वन प्रभाग लैन्सडौन के प्रभागीय वन अधिकारी स्पर्श काला, उपप्रभागीय वनाधिकारी रिजर्व फोरेस्ट रजत कपिल तथा उपप्रभागीय वनाधिकारी भूमी संरक्षण लैन्सडौन प्रशांत हिन्दवाण से वनाग्नि नियन्त्रण की समीक्षा बैठक ली तथा आगामी फायर सीजन की तैयारियो के बारे में विस्तृत जानकारी ली। उन्होने बैठक में कहा वन विभाग के लिए वनाग्नि नियन्त्रण रखना पहली चुनौती है इसके लिए सभी अधिकारियों को

पूरी तरह तैयार रहना पडेगा और सभी वन कर्मियो आमजनो के साथ इस के अभियान के हिस्से होगें।

अपर प्रमुख वन संरक्षक तथा वन संरक्षक शिवालिक ने वनाग्नि प्रबंधन की बैठक के साथ इसकी तैयारियों को लेकर स्थलीय निरीक्षण भी किया जिसमे दुगड्डा रेंज कार्यालय में रेंज अधिकारीयो से वनाग्नि सुरक्षा समन्धित जानकारी के लिए रेंज अधिकारीयो के साथ बैठक की जिसमे वनक्षेत्र अधिकारी मटियाली /जयहरीखाल रेंज विशन दत्त जोशी, वनक्षेत्र अधिकारी दुगड्डा उमेश जोशी, वन क्षेत्र अधिकारी कोटद्वार विपिन जोशी को वनाग्नि नियन्त्रण यन्त्र तथा रेंजो में उपलब्ध संसाधनो के बारे में जानकारी ली और निर्देश दिया की फील्ड स्तर में फायर श्रमिको को जूते, गुड चना, पानी रेंज स्तर से उपलब्ध कराये।

बजट की कमी होने पर धन स्वीकृति हेतु उच्च स्तर को भेजा जायेगा। उन्होने वनाग्नी घटना को रोकने के लिए रोड मेप तैयार करने तथा आग लगाने वाले असामाजिक तत्वों पर पैनी नजर रखने का निर्देश दिए आग लगाने वाले शरारती तत्वों को चिन्हित कर सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिये और कहा इसमे कोई कोताही नहीं बरती जायेगी।

बैठक में अपर प्रमुख वन संरक्षक ने बताया कि वन मंत्री उत्तराखंड शासन के निर्देशनुसार वन क्षेत्रों से गुजरने वाली पानी की पाइप लाईन से वन क्षेत्रों में टी प्वाइंट छोडने के लिए जल निगम और जल संस्थान से भी सम्पर्क करें ताकि वनाग्नी घटना के समय पानी का उपयोग पीने तथा आग बुझाने में मददगार साबित होगा।

साथ में उन्होने कहा वनाग्नी घटना रोकथाम में अच्छा सहयोग देने वाली तीन चार पंचायतो वन पंचायतो को जोडकर जिनका वन भूमी का क्षेत्रफल पाँच सौ हेक्टर तक हो वनाग्नी सुरक्षा समितियों का गठन कर समीक्षा हेतू वन संरक्षक स्तर पर भेजें

बैठक में वन संरक्षक शिवालिक राजीव धीमान ने कहा शिवालिक वृत के सभी अधिकारियों फील्ड कर्मचारियों को एक टीम के रूप में काम करने को कहा तथा कहा इसमे लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

en English