@ सिद्धार्थ पाण्डेय /चाईबासा (पश्चिम सिंहभूम ) झारखंड
माइनिंग एरिया ट्रक ऑनर एसोसिएशन, बड़ाजामदा के अध्यक्ष अरविन्द चौरसिया के नेतृत्व में हाइवा वाहन मालिकों ने अपनी समस्या को लेकर परिवहन मंत्री दीपक बिरुवा से मुलाकात की। इस संबंध में अरविन्द चौरसिया ने बताया कि मंत्री दीपक बिरुवा से हाइवा मालिकों ने टाटा स्टील की विजय-टू लौह अयस्क खदान प्रबंधन से संबंधित समस्या रखी है।
उक्त खदान प्रबंधन ने 30 जून तक अपने खदान के अंदर 15 साल पुराने हाइवा को चलाने की अनुमति दी थी। उसके बाद एक जून से वह न तो फॉरेस्ट परमिशन हेतु वन विभाग के पास कागज भेज रहा है और न ही खदान में चलने की अनुमति दे रहा है। उन्होंने कहा कि जब परिवहन विभाग व सरकार 15 साल पुरानी वाहनों का परमिट, इंश्योरेंस, फिटनेस आदि सब कर रही है तो कंपनी अपने यहां 15 साल पुरानी वाहनों को चलाने से मना क्यों कर रही है। उक्त खदान में 30-40 ऐसे वाहन हैं, जिसे माल ढुलाई कार्य से वंचित करने से उसके मालिकों के सामने बेरोजगारी व भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
अरविन्द चौरसिया ने कहा कि पूरे लौहांचल व सारंडा क्षेत्र में एकमात्र यह खदान टाटा स्टील का खदान है, जहां लगभग 300 हाइवा चल रही है। दिनभर में एक ट्रिप ढुलाई ही एक वाहन कर पाती है। इससे वह चालक, खलासी व मेंटेनेंस खर्च भी बहुत मुश्किल से निकाल पाते हैं। बरसात में स्थिति और बुरा हो जायेगा।
उन्होंने कहा कि मंत्री दीपक बिरुवा ने आश्वासन दिया है कि वह 4 जुलाई को टाटा स्टील के उच्च अधिकारी अतुल भटनागर को बुलाकर वार्ता करेंगे और वह सुनिश्चित करायेंगे कि जब तक क्षेत्र में कोई अन्य दूसरा खदान नहीं खुल जाता है, तब तक 15 साल पुरानी वाहनों को अपने खदान में वह चलाने दें, ताकि उसके मालिकों के परिवार के सामने बेरोजगारी की स्थिति उत्पन्न नहीं हो। अब हाइवा मालिकों की उम्मीद 4 जुलाई को मंत्री दीपक बिरुवा व टाटा स्टील की बैठक पर टिकी है।
इस दौरान प्रेम अवस्थी, अतुल मिश्रा, रीमु बहादुर, रुपा खान, मनोज साहू, बसंत गुप्ता, हंसु अग्रवाल, ए पांडेय, गौरव दत्ता, छोटन दा, अशोक सिन्हा आदि मौजूद थे।