@ नई दिल्ली
वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंडे में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए, 77वें विश्व स्वास्थ्य सम्मेलन में कोविड-19 महामारी के बाद सदस्य देशों द्वारा दिए गए 300 प्रस्तावों के आधार पर अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियम (IHR 2005) में संशोधनों के पैकेज पर सहमति व्यक्त की गई।
IHR में लक्षित संशोधनों का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय महत्व की सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थितियों और महामारी जैसी आपात स्थितियों के लिए तैयार रहने और उनसे निपटने की देशों की क्षमता में सुधार करना है। इनमें पीएचईआईसी और पीई के दौरान उपयुक्त स्वास्थ्य उत्पादों तक समान पहुँच की सुविधा प्रदान करने के प्रावधान के साथ-साथ IHR (2005) के तहत आवश्यक मुख्य क्षमताओं के निर्माण, सुदृढ़ीकरण और रखरखाव में विकासशील देशों की सहायता करने के लिए वित्तीय संसाधन जुटाना शामिल है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव अपूर्व चन्द्रा ने यह कहते हुए खुशी जाहिर की कि अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियमों के संशोधन के साथ, एक अविश्वसनीय उपलब्धि हासिल की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि यह समानता और एकजुटता की दिशा में एक और कदम है जो भविष्य में महामारी के खतरों से दुनिया की रक्षा करने में मदद करेगा। यह हमारे बच्चों और नाती-पोतों के लिए एक उपहार है।
अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियमन पर कार्य समूह और महामारी संधि पर अंतर-सरकारी वार्ता निकाय ने देश के प्रतिनिधियों के साथ लगभग दो साल पहले दो अलग-अलग समूहों में वार्ता प्रक्रिया शुरू की और इस मुद्दे पर कई बार फिर से शुरू किए गए सत्रों सहित अनेक बैठकें कीं। इस प्रक्रिया में कई बार अप्रिय स्थितियां आईं और विभिन्न हितधारकों द्वारा अपनाए गए रूख पर गतिरोध की स्थिति बनी।
IHR में संशोधनों के पैकेज को अंतिम रूप देने के लिए, 28 मई, 2024 को विश्व स्वास्थ्य सम्मेलन की समिति ए के अध्यक्ष के रूप में अपूर्व चन्द्रा द्वारा श्वेत पत्र के रूप में एक प्रस्ताव रखा गया। इसमें एक एकल मसौदा समूह की स्थापना का प्रस्ताव रखा गया था, जिसकी सह-अध्यक्षता क्रमशः अंतर-सरकारी वार्ता निकाय और अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियमों (2005) में संशोधन पर कार्य समूह के एक ब्यूरो सदस्य द्वारा की जाएगी, ताकि कुछ सबसे महत्वपूर्ण विषयों – IHR (2005) में प्रस्तावित संशोधनों, इसके बाद महामारी संधि पर आईएनबी वार्ता से संबंधित प्रक्रियात्मक मामलों पर विचार किया जा सके। उक्त प्रस्ताव को सभी सदस्य देशों ने सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी।
इस प्रकार स्थापित एकल मसौदा समूह ने, कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से, विश्व स्वास्थ्य संगठन सचिवालय और सदस्य देशों के प्रतिनिधियों के साथ, 77वें सम्मेलन की सत्र अवधि के दौरान चल रहे IHR संशोधनों में आम सहमति बनाने का कार्य किया। भारत ने उपकरणों के निर्माण में एक रचनात्मक भूमिका निभाई, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थितियों में विकासशील देशों की उचित प्रतिक्रिया के लिए लोगों को संसाधनों से सफलतापूर्वक जोड़ते है। परिणामस्वरूप, 1 जून, 2024 को IHR (2005) के संशोधन का प्रस्ताव 77वें विश्व स्वास्थ्य सम्मेलन में सर्वसम्मति से अपना लिया गया।