@ कमल उनियाल द्वारीखाल उत्तराखंड
पहाडो़ की ठंडी हवा, शीतल जल के झरने, पहाडो़ का प्राकृतिक सौन्दर्य सारे देश में मशहूर हैं। पर आजकल उत्तराखंड के पहाड़ आग उगल रहे है। वनकर्मी, ग्रामीण, फायर फायटर जान को जोखिम में डालकर आग की प्रचंड ज्वाला को काबू कर रहे हैं।
इस के लिए कौन जिम्मेदार है कुछ मानवीय भूल के साथ आराजक तत्व भी जानबूझ कर आग लगा रहे हैं अब हम सबकी जिम्मेदारी है कि आग लगाने वाले शरारती तत्वों को चिन्हित कर वन विभाग, राजस्व पुलिस, रेगुलर पुलिस को सूचित कर वनाग्नि के कहर को रोकना होगा।
वनाग्नि की घटना रुक नहीं रही है मटियाली रेंज के अंतर्गत लंगूर पल्ला तीन के ग्राम दिउसा के सिविल तथा नाप खेतो में किसी शरारती तत्वों ने आग लगा दी देखते देखते आग ने विकराल रुप धारण कर लिया जिसमे सड़क में खड़ी एक बोलोरो पिक अप और एक मोटर साईकिल आग के चपेट में आकर जल गयी।
सूचना मिलने पर वनक्षेत्र अधिकारी विशन दत्त जोशी ने वनकर्मियो को मौके पर भेजा जिसके बाद स्थानीय ग्रामीणो तथा फायर फायटरो की कडी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
वनक्षेत्र अधिकारी विशन दत्त जोशी ने कहा आग लगाकर छोडने वाले हमारी वन संपदा तथा पर्यावरण को बडा नुकसान पहुँचा रहे हैं इसका खामियाजा हरे पेड पौधे से लेकर निहीर बेजुबान जानवरो को भुकतना पड रहा है। उन्होने रेखीय विभागो राजस्व पुलिस, रेगुलर पुलिस से वनाग्नि को रोकने के लिए सहयोग की अपील की है।