@ जयपुर राजस्थान
राजस्थान के मुख्य सचिव सुधांश पंत द्वारा मंगलवार को सचिवालय में वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभागों की समीक्षा बुलाई गई।इस वर्तमान मानसून में वन विभाग विभिन्न राज्य और केंद्र वित्त पोषित योजनाओं के माध्यम से वन और अन्य भूमि जैसे गोचर, पंचायत भूमि आदि पर लगभग 70000 हेक्टेयर वृक्षारोपण पूरा करेगा।
इसी प्रकार राष्ट्रीय राजमार्गों पर भी वृक्षारोपण का कार्य चल रहा है। मुख्य सचिव ने राज्य राजमार्गों के किनारे वृक्षारोपण कार्य करने और वृक्षारोपण स्थलों को 5 वर्षों से अधिक समय तक बनाए रखने के लिए नरेगा के साथ अभिसरण योजना तैयार करने का निर्देश दिया।
मुख्य सचिव ने ग्राम वन संरक्षण और निगरानी समितियों के माध्यम से राज्य में महिला सशक्तिकरण के लिए वृक्षारोपण कार्य में महिलाओं की भागीदारी को दो तिहाई करने पर विशेष रूप से जोर दिया।
मुख्य सचिव ने पदानुक्रम के साथ सभी कार्यालयों में फाइलों के तेजी से निपटाने के माध्यम से सुशासन की आवश्यकता पर भी जोर दिया। विकास/राजस्थान 2047 और वानिकी क्षेत्र में नए विचारों और नवाचारों को लाने की आवश्यकता पर विचार-विमर्श किया गया। वन्य जीव संरक्षण एवं प्रबंधन के क्षेत्र में किये गये प्रयासों की सराहना की। बेहतर सुविधाओं और आवास बहाली कार्यों के माध्यम से अधिक आगंतुक संतुष्टि पैदा करने के पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया।
समीक्षा के दौरान विभाग द्वारा वन्यजीव संरक्षण और संरक्षण चुनौतियों पर प्रकाश डाला गया जिसके लिए मुख्य सचिव ने स्वैच्छिक ग्राम पुनर्वास कार्य को तेज गति से चलाने और नये क्षेत्र में बसने के लिए ग्रामीणों को उचित प्रोत्साहन देने का निर्देश दिया।
हाल ही में प्रकृति और समाज पर दिखाई देने वाले जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को देखते हुए पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन निदेशालय को मजबूत करने के निर्देश भी दिए गए।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव अपर्णा अरोड़ा, पीसीसीएफ हॉफ मुनीश गर्ग, पीसीसीएफ प्रशासन अरिजीत बनर्जी, पीसीसीएफ और मुख्य वन्यजीव वार्डन पीके उपाध्याय, विशिष्ट शासन सचिव मोनाली सेन, के साथ वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।