@ नई दिल्ली
भारत का अग्रणी कीटाणुनाशक ब्रांड लाइजोल, और भारत की अग्रणी सरकारी रिसर्च एजेंसी, काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च इंस्टीट्यूशन इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी ने संयुक्त रूप से भारतीय घरों में कीटाणुओं और रोगजनकों की उपस्थिति का विश्लेषण करने के लिए एक अध्ययन किया है।
अध्ययन में भारतीय घरों के फर्श पर कई तरह के कीटाणु पाए गए। रिसर्च टीम ने भारतीय घरों में कीटाणुओं की उपस्थिति का अध्ययन किया है। इसमें पाया गया है कि अलग-अलग कमरों के फर्श बीमारी पैदा करने वाले कीटाणुओं जैसे एस्चेरिचिया कोलाई, मोरेक्सेला एसपीपी, ब्रेवुंडिमोनस एसपीपी, एसिनेटोबैक्टर एसपीपी के घर होते हैं। शोध से यह भी पता चला कि हमारे घरों की सतह पर 1000 से अधिक प्रकार के बैक्टीरिया और 200 प्रकार के वायरस मौजूद हैं। पहचाने गए कीटाणु डायरिया जैसी बीमारियों और त्वचा-संक्रमण, मूत्र नली के संक्रमण, मुँहासे, आंख और रक्तप्रवाह संक्रमण के लिए जिम्मेदार हैं।
सौरभ जैन, रीजनल मार्केटिंग डायरेक्टर, हाइजीन, रेकिट-साउथ एशिया ने कहा 130 साल पुरानी वैश्विक विरासत के साथ अग्रणी डिसइन्फेक्टेंट ब्रांड लाइजॉल परिवारों की सुरक्षा और उन्हें बीमारी मुक्त रखने की दिशा में प्रयासरत है। भारतीय घरों में किया गया यह अध्ययन यहां मौजूद कीटाणु-संबंधी खतरों की पहचान करके स्वस्थ घर के निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
हमारा उद्देश्य है कि स्पेशलाइज्ड क्लीनिंग सॉल्यूशंस का उपयोग करते हुए सफाई और कीटाणुओं का नाश करने की बेहतर आदतों को अपनाया जाए। इसके लिए इन आदतों के फायदों के बारे में भारतीय परिवारों को शिक्षित किया जाए और लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाई जाए। ये स्पेशलाइज्ड क्लीनिंग सॉल्यूशंस आमतौर पर उपयोग किए जाने वाले सॉल्यूशन जैसे आम फिनाइल की तुलना में बेहतर तरीके से रोगाणुओं का नाश करता है।
डॉ. राकेश शर्मा पीएचडी चीफ साइंटिस्ट सीएसआईआर आईजीआईबी ने कहा लाइजोल के साथ साझेदारी में किए गए अध्ययन में भारतीय घरों के विभिन्न हिस्सों के फर्श पर पाए जाने वाले कीटाणुओं और रोगजनकों के बारे में जानकारी सामने आई है। इसी के साथ ही, अध्ययन में पाए गए कीटाणु कई बीमारियों के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं और इसलिए अध्ययन घरों को स्वच्छ और कीटाणु मुक्त बनाए रखने के महत्व पर जोर डालता है।