अल्पसंख्यकों के लिए कल्याणकारी कार्यक्रमों की समीक्षा की

@ शिमला हिमाचल

इस अवसर पर सैय्यद शहेजादी ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री का नया 15 सूत्रीय कार्यक्रम’ का मुख्य उद्देश्य अल्पसंख्यकों का समग्र कल्याण सुनिश्चित करना है।

इसके माध्यम से यह सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं कि अल्पसंख्यकों के लिए शैक्षिक अवसर बढ़ाए जाएं। उनके समावेशी विकास के लिए योजनाओं का समयबद्ध कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों में आपसी सद्भाव से सदैव ही विकास को भी बल मिलता है। उन्होंने अधिकारियों को विभिन्न दिशा-निर्देश भी दिए।

बैठक में अवगत करवाया गया कि राज्य में उर्दू भाषा को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश सरकार ने छठी से आठवीं कक्षा तक चिन्हित स्कूलों में उर्दू भाषा को एच्छिक विषय के रूप में आरम्भ करने का निर्णय लिया है। राज्य में अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित विद्यार्थियों को प्री-मैट्रिक छात्रवृति योजना, मैरिट-कम-मीन्स छात्रवृत्ति योजना और पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति योजना भी कार्यान्वित की जा रही है।

यह अवगत करवाया गया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं के 28 स्वयं सहायता समूह गठित किए गए हैं। उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए बहुआयामी प्रयास किए जा रहे हैं। हिमाचल प्रदेश अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के 3,498 लाभार्थियों को स्वरोजगार के लिए 100.58 करोड़ रुपये के ऋण और 37 लाभार्थियों को 1.63 करोड़ रुपये शैक्षिक ऋण के रूप में प्रदान किए गए हैं।

बैठक में अल्संख्यक समुदाय के लिए कार्यान्वित किए जा रहे प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम, कौशल विकास योजना तथा अन्य कार्यक्रमों की विस्तार से जानकारी प्रदान की गई।

मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने प्रदेश में अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए कार्यान्वित की जा रही विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दी।अनुसूचित जाति अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक एवं विशेष रूप से सक्षम का सशक्तिकरण विभाग की निदेशक किरण भड़ाना ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया।

अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार चंद शर्मा, पुलिस महानिदेशक डॉ. अतुल वर्मा, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अभिषेक त्रिवेदी, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता आशीष सिंघमार, सचिव ग्रामीण विकास राजेश शर्मा, निदेशक ग्रामीण विकास राघव शर्मा, प्रबन्ध निदेशक अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम प्रदीप ठाकुर, अतिरिक्त निदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग मोहन दत्त शर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।

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