हर वर्ष के दिन संयुक्त राष्ट्र और दुनिया भर के तमाम देश उन पुरुष एवं महिला सैनिकों की कार्य कुशलता, समर्पण व साहस को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान में अपनी सेवाएं दी हैं और अभी भी सेवा कर रहे हैं। यह दिन उन लोगों के बलिदान की स्मृति में भी मनाया जाता है, जिन्होंने शांति के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है।
भारत ने हमेशा से संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के अभियानों में योगदान दिया है और इसकी समृद्ध विरासत है। भारत अपने सैनिकों का सबसे बड़ा योगदान देने वाले देशों में से एक है। भारत ने अब तक विभिन्न शांति अभियानों में लगभग 2,87,000 सैनिकों की सेवाएं उपलब्ध कराई हैं। भारतीय सेना के जवानों ने कठिन समय, चुनौतीपूर्ण इलाकों और विपरीत परिचालन स्थितियों में काम किया है। इसके अलावा, संयुक्त राष्ट्र के आदेशों का सम्मान रखने के लिए सर्वोच्च बलिदान देने तक अनुकरणीय साहस और वीरता का प्रदर्शन किया है। यह उल्लेखनीय तथ्य है कि भारतीय सेना के 160 जवानों ने दुनिया भर में शांति सुनिश्चित करने के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। वर्तमान समय में, भारतीय सशस्त्र बल नौ देशों के शांति मिशनों में तैनात हैं, जिनके नाम हैं – यूएनडीओएफ, यूएनआईएफआईएल, यूएनटीएसओ, यूएनएफआईसीवाईपी, एमओएनयूएससीओ, यूएनएमआईएसएस, यूएनआईएफएसए, एमआईएनयूएससीए और एमआईएनयूआरएसओ।
भारत संयुक्त राष्ट्र, मेजबान देशों और साझेदार देशों के लिए क्षमता विकसित करने में सबसे आगे रहा है। भारत ने हमेशा चुस्त एवं लचीली इकाइयां, शांति रक्षक प्रशिक्षण, रसद सहायता, लैंगिक समानता के विस्तार और तकनीकी संवर्द्धन में योगदान देकर संयुक्त राष्ट्र की गतिविधियों में सहयोग करने का प्रयास किया है। भारत ने प्रशिक्षण, बुनियादी ढांचा विकास और नागरिक सैन्य समन्वय (सीआईएमआईसी) गतिविधियां प्रदान करके भी मेजबान देश की क्षमता विकास के लिए सक्रिय रूप से सहायता उपलब्ध कराई है। इसके अलावा, भारतीय सेना की पशु चिकित्सा टुकड़ियों ने भी संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न मिशनों में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है। सूडान में पशु चिकित्सा टुकड़ी के कमांडर लेफ्टिनेंट कर्नल गुरप्रीत सिंह बाली द्वारा अबेई में पशुओं के स्वास्थ्य में उल्लेखनीय सुधार लाने के प्रयासों की संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय द्वारा सराहना की गई।
भारतीय सेना ने संयुक्त राष्ट्र के मिशनों में भारतीय टुकड़ियों की जंगी कार्रवाई दक्षता एवं स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए अत्याधुनिक उपकरण और वाहन तैनात किए हैं। ये वाहन एवं उपकरण भारत में निर्मित हैं और मिशन वाले क्षेत्रों में कठिन भूभाग, मौसम तथा परिचालन स्थितियों की अनिश्चितताओं का सफलतापूर्वक सामना कर चुके हैं।
संयुक्त राष्ट्र ने मिशनों में स्थानीय महिला आबादी की चिंताओं को बेहतर ढंग से दूर करने के लिए अपने लैंगिक समानता अभियान के हिस्से के रूप में महिला शांति सैनिकों की भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से अनिवार्य लक्ष्य निर्धारित किए हैं। भारत ने संयुक्त राष्ट्र की इस महत्वपूर्ण पहल के पूर्ण सहयोग व नारी शक्ति पहल के साथ तालमेल बिठाते हुए डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो और अबेई (लाइबेरिया के बाद दूसरी सबसे बड़ी भारतीय महिला टुकड़ी) में महिला सहभागिता दल (एफईटी) तैनात किए हैं।
भारत ने 05-06 दिसंबर, 2023 को घाना के अकरा में आयोजित संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना मंत्रिस्तरीय बैठक में शामिल होकर संयुक्त राष्ट्र द्वारा भविष्य की शांति स्थापना गतिविधियों के प्रति अपनी वचनबद्धता की पुनः पुष्टि की है। इस बैठक के दौरान, भारत ने संयुक्त राष्ट्र की आवश्यकताओं को पूरा करने के उद्देश्य से अगले दो वर्षों के लिए पैदल सेना की एक टुकड़ी, विभिन्न उप-समूहों, प्रशिक्षकों हेतु संयुक्त राष्ट्र पूर्व-तैनाती प्रशिक्षण पाठ्यक्रम और संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक पाठ्यक्रम की प्रतिबद्धता जताई है।
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