भारतीय तटरक्षक बल ने 27 बांग्लादेशी मछुआरों को बचाया

@ नई दिल्ली

Indian Coast Guard ने 04 अप्रैल 2024 को एक त्वरित गतिविधि को संचालित करते हुए 27 बांग्लादेशी मछुआरों को सुरक्षित बचा लिया है। ये सभी समुद्र में मछली पकड़ने वाली अपनी नौका पर फंसे हुए थे।

भारतीय तटरक्षक जहाज अमोघ ने 4 अप्रैल, 2024 को लगभग 11:30 बजे भारत-बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा पर गश्त के दौरान एक बांग्लादेशी मछली पकड़ने वाली नौका सागर II को भारतीय जल क्षेत्र में बहते हुए देखा। इसके बाद मामले की जांच के लिए Indian Coast Guard के जहाज से एक दल को वहां भेजा गया। जांच के दौरान यह पता चला कि बांग्लादेशी नाव का स्टीयरिंग गियर पिछले दो दिन से खराब था और वह तभी से नाव भारतीय जल सीमा में बह रही थी। मछली पकड़ने वाली इस नौका पर 27 चालक दल के सदस्य/मछुआरे सवार थे।

Indian Coast Guard की तकनीकी टीम ने बांग्लादेशी नाव की खराबी की पहचान करने और उसे ठीक करने की कोशिश की, लेकिन यह पाया गया कि उस नाव का स्टीयरिंग ह्वील पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था और समुद्र में इसकी मरम्मत नहीं की जा सकती थी। चूंकि समुद्र के हालात और मौसम की स्थिति अनुकूल थी, इसलिए यह निर्णय लिया गया कि भारतीय तट रक्षक एवं बांग्लादेश तटरक्षक के बीच एमओयू के अनुसार, संकटग्रस्त नाव को भारत-बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा में खींच लिया जाएगा और फिर उसे आईएमबीएल या बांग्लादेश की सीमा रेखा की तरफ उनके तटरक्षक जहाज अथवा किसी अन्य बांग्लादेशी मछली पकड़ने वाली नाव को सौंप दिया जाएगा।

इस बीच, भारतीय तटरक्षक के कोलकाता स्थित क्षेत्रीय मुख्यालय ने बांग्लादेश तटरक्षक बल के साथ संवाद स्थापित किया और उन्हें इस घटना तथा आगे की कार्ययोजना के बारे में जानकारी प्रदान की। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बांग्लादेश तटरक्षक जहाज कमरुज्जमां को मछली पकड़ने वाली बांग्लादेशी नाव को खींचने के लिए बांग्लादेश तटरक्षक द्वारा तैनात किया गया। बांग्लादेश तटरक्षक बल का जहाज कमरुज्जमां 4 अप्रैल 2024 को लगभग 18:45 बजे भारत-बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा के पास पहुंचा। भारतीय तटरक्षक के जहाज अमोघ ने 27 बांग्लादेशी मछुआरों को उनकी नाव के साथ बांग्लादेश तटरक्षक बल के जहाज कमरुज्जमां को सौंप दिया।

Indian Coast Guard द्वारा संचालित किया गया यह ऑपरेशन सभी बाधाओं के बाद भी समुद्र में बहुमूल्य जीवन को सुरक्षित बचाने के प्रति भारत की वचनबद्धता को प्रदर्शित करता है। इस तरह के सफल खोज एवं बचाव अभियान न केवल क्षेत्रीय एसएआर संरचना को सशक्त करेंगे बल्कि पड़ोसी देशों के साथ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को भी बढ़ाएंगे। यह Indian Coast Guard के आदर्श वाक्य “वयम रक्षामः” के अनुरूप है, जिसका अर्थ है “हम रक्षा करते हैं”।

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