@ नई दिल्ली
अफ्रीकी देश गाम्बिया के मध्य-स्तरीय सिविल सेवकों के लिए दो सप्ताह का चौथा मिड-करियर प्रशिक्षण कार्यक्रम आज मसूरी स्थित राष्ट्रीय सुशासन केंद्र में शुरू हुआ। यह कार्यक्रम 27 मई 2024 से 7 जून 2024 तक आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में गाम्बिया के 30 वरिष्ठ अधिकारी भाग ले रहे हैं, जो उप स्थायी सचिव, उप महानिदेशक, उप जनरल, राष्ट्रपति के उप युवा सलाहकार डिप्टी यूथ एडवाइजर टू द प्रेज़िडेन्ट, निदेशक, कार्यकारी निदेशक, प्रिंसिपल, राष्ट्रीय समन्वयक, कार्यवाहक निदेशक आदि के रूप में कार्यरत हैं।
ये सभी अधिकारी भूमि मंत्रालय, क्षेत्रीय सरकार और धार्मिक मामलों, राष्ट्रपति कार्यालय राज भवन, परिवहन मंत्रालय, वित्त और आर्थिक मामलों के मंत्रालय, मिनिस्ट्री ऑफ जेंडर, बच्चों और सामाजिक कल्याण मंत्रालय, लोक सेवा राज्य सदन मंत्रालय, उच्च शिक्षा अनुसंधान विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, महालेखाकार विभाग, न्याय मंत्रालय, गाम्बिया में पशुधन सेवा विभाग जैसे कार्यालयों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
राष्ट्रीय सुशासन केंद्र यानी NCGG, भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के तहत प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग के तहत एक स्वायत्त संस्था है, जो राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर कार्रवाई अनुसंधान, अध्ययन और क्षमता निर्माण के लिए समर्पित है। NCGG द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और अन्य देशों के साथ सहयोग को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करता है।
नया प्रतिमान पारदर्शिता, दक्षता और प्रभावशीलता पर जोर देता है, जो तकनीकी प्रगति द्वारा संचालित है, जिसने भारत के ग्रामीण क्षेत्रों को उल्लेखनीय रूप से प्रभावित किया है और डिजिटल विभाजन को पाटा है। ‘अमृत काल’ में प्रवेश करते हुए, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हवाले से कहा कि भारत नई ताकत और उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ रहा है। ऐसे में लोक शिकायत तंत्र में सुधार, सुशासन मॉडल को लागू करना और उन्नत तकनीकों को अपनाना शामिल है। उन्होंने महत्वपूर्ण सकारात्मक बदलावों में योगदान देने वाले ई–सचिवालय प्रौद्योगिकी उन्नति के उदाहरण दिए।
निवास ने शासन प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए सरकारी अधिकारियों और नागरिकों दोनों के लिए डिजिटल साक्षरता के महत्व को रेखांकित किया। विज़न 2047 को देखते हुए, उन्होंने स्वास्थ्य सेवा और क्षेत्रीय विकास जैसे क्षेत्रों में नागरिकों को सशक्त बनाने की योजनाओं की रूपरेखा तैयार की।
निवास ने भारत के शिकायत निवारण कार्यक्रम पर जोर दिया, जो दस दिनों के भीतर शिकायतों का समाधान करता है, जो गाम्बिया के लिए एक अच्छा अनुकरणीय सुशासन मॉडल है।उन्होंने कहा कि 2024 में, NCGG का लक्ष्य विभिन्न देशों के लिए60 निर्माण कार्यक्रम आयोजित करना है, जिससे वैश्विक सहयोग और साझा प्रगति को बढ़ावा मिलेगा।
एसोसिएट प्रोफेसर और पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. एपी सिंह ने औपचारिक परिचय सत्र के दौरान राष्ट्रीय सुशासन केंद्र के परिचालन ढांचे और उल्लेखनीय उपलब्धियों का एक व्यावहारिक अवलोकन प्रदान किया। अपने संबोधन में डॉ. सिंह ने प्रतिभागियों के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बताया, जिसमें व्यापक विषयों को शामिल किया गया।
यहां यह उल्लेख करना उचित है कि NCGG ने इन कार्यक्रमों के तहत अब तक गाम्बिया के लगभग 150 वरिष्ठ सिविल सेवक अधिकारियों को प्रशिक्षित किया है। राष्ट्रीय सुशासन केंद्र ने विदेश मंत्रालय के साथ साझेदारी में17 देशों के सिविल सेवकों को प्रशिक्षण दिया है। इनमें बांग्लादेश, केन्या, तंजानिया, ट्यूनीशिया, सेशेल्स, गाम्बिया, मालदीव, लंका, अफगानिस्तान, लाओस, वियतनाम, नेपाल, भूटान, म्यांमार, इथियोपिया, इरिट्रिया और कंबोडिया शामिल हैं। डॉ. ए.पी. सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर और कोर्स कोऑर्डिनेटर, डॉ. एम.के. भंडारी, एसोसिएट कोर्स कोऑर्डिनेटर और फैकल्टी, NCGG, संजय दत्त पंत, कार्यक्रम सहायक NCGG और मोनिशा बहुगुणा की देख-रेख में यह क्षमता निर्माण कार्यक्रम चलेगा।