दिल्ली गढ़वाल हितैषिणी सभा के चुनाव में सूरत सिंह रावत और पवन मैठाणी के नेतृत्व वाले पैनल नंबर दो की शानदार जीत

@ हरि सिंह रावत नई दिल्ली 

बहुप्रतीक्षित गढ़वाल हितैषिणी सभा के प्रतिष्ठित चुनावों के नतीजे घोषित हो गए हैं, जिसमें विपक्षी पैनल नंबर दो ने शानदार जीत दर्ज की है। इस जीत को निवर्तमान अध्यक्ष अजय बिष्ट के नेतृत्व वाले पैनल नंबर एक की करारी हार के रूप में देखा जा रहा है। अजय बिष्ट का पैनल अप्रत्यक्ष रूप से भगवा पार्टी समर्थित माना जाता था, जिससे उनकी हार को एक बड़ा झटका माना जा रहा है।

सदस्यों की नाराजगी और फिजूलखर्ची का मुद्दा

अजय बिष्ट के नेतृत्व वाली निवर्तमान समिति को गढ़वाल हितैषिणी सभा की शताब्दी वर्षगांठ जैसे ऐतिहासिक कार्यक्रम को भव्य रूप से आयोजित करने का श्रेय दिया जाता है। लेकिन, कई सदस्यों का आरोप है कि इस आयोजन पर करीब 40 लाख रुपये खर्च कर दिए गए, जो संगठन के हितों की बजाय व्यक्तिगत प्रचार के लिए किया गया।

सभा के कई सदस्यों ने फिजूलखर्ची, दिखावे और कोष के दुरुपयोग की शिकायत की। उनका मानना था कि यह धन गढ़वाल भवन के कल्याण और विकास में लगाया जाना चाहिए था, लेकिन इसे अनावश्यक तामझाम में बर्बाद कर दिया गया।

अजय बिष्ट की रणनीति विफल, मतदाताओं की नाराजगी

निवर्तमान पैनल की हार की एक बड़ी वजह यह भी रही कि अजय बिष्ट को मतदाताओं के दिलों में जगह नहीं मिली। उन पर आरोप लगा कि उन्होंने संगठन के कल्याण से ज्यादा ध्यान उत्तराखंड फिल्मों में खुद को रोल दिलाने, अपने पारिवारिक एनजीओ ‘सार्वभौमिक’ को बढ़ावा देने और निजी आयोजनों में लगाया। इसके कारण उनकी छवि जनहितैषी नेता की बजाय स्वार्थी प्रशासक की बन गई।

भले ही अजय बिष्ट एक अच्छे वक्ता, अभिनेता और सामाजिक कार्यकर्ता रहे हों, लेकिन वे अपने कार्यकाल में ऐसा कुछ नहीं कर पाए, जिससे वे इस चुनाव में जनता की पसंद बनते।

निर्वाचन परिणाम: पैनल नंबर दो का दबदबा

नतीजों के अनुसार, पैनल नंबर दो ने सभी शीर्ष पदों पर जीत दर्ज की। निर्वाचन परिणाम इस प्रकार रहे:

अध्यक्ष पद: सूरत सिंह रावत (पैनल नंबर 2) ने 868 वोट पाकर अजय बिष्ट (पैनल नंबर 1) को 123 वोटों से हराया, जिन्हें मात्र 745 वोट मिले।

महासचिव पद: पवन कुमार मैठाणी (पैनल नंबर 2) ने 906 वोट पाकर अनिल पंत (पैनल नंबर 1) को 205 वोटों से हराया, जिन्हें 701 वोट मिले।

उपाध्यक्ष पद: शैलेन्द्र सिंह नेगी (पैनल नंबर 2) ने 914 वोट के साथ जीत दर्ज की, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी बिशन सिंह राणा (699 वोट) को215 वोटों से हराया।

इसके अलावा, सचिव, कोषाध्यक्ष, उपकोषाध्यक्ष, संगठन सचिव, संस्कृति, साहित्य और खेल सचिव समेत सभी पदों पर पैनल नंबर दो के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की।

भगवा पार्टी समर्थित पैनल की करारी हार

यह चुनाव परिणाम साफ दर्शाता है कि गढ़वाल हितैषिणी सभा के मतदाताओं ने भगवा पार्टी समर्थित पैनल को पूरी तरह नकार दिया। निवर्तमान पैनल की अक्षमता, पक्षपातपूर्ण रवैये और प्रशासनिक विफलताओं के कारण उसे जनता का समर्थन नहीं मिल सका।

चुनाव नतीजे आने तक केंद्रीय कार्यकारिणी के परिणाम की घोषणा नहीं हुई थी, लेकिन रुझान पूरी तरह से पैनल नंबर दो के पक्ष में दिखाई दे रहे थे।

गढ़वाल हितैषिणी सभा के इस चुनाव परिणाम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि संगठन के सदस्य अब नेताओं के दिखावे और व्यक्तिगत प्रचार से ऊपर उठकर वास्तविक कार्यों और समाज हित में किए गए योगदान को तरजीह दे रहे हैं। सूरत सिंह रावत के नेतृत्व वाला पैनल नंबर दो अब बड़ी जिम्मेदारी के साथ काम करेगा, और यह देखना दिलचस्प होगा कि वह अपने वादों पर कितना खरा उतरता है।

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