@ कमल उनियाल द्वारीखाल उत्तराखंड
पर्वतीय क्षेत्रों में सरकार स्वरोजगार से जोड़ने के लिए हर सभंव प्रयास कर रही है। जिसमे मुख्य व्यवसाय पशुपालन भी है दुग्ध उत्पादन से यहाँ के पचास प्रतिशत परिवार स्वरोजगार से जुडकर आत्मनिर्भर हो रहे हैं। डेयरी विकास विभाग दुग्ध संघ श्रीनगर गढवाल आंचल डेयरी श्वेत क्रांति लाने के लिए दुग्ध उत्पादको को प्रोत्साहन राशि, चारा वितरण, साइलेज, पशु आहार से लेकर गाय खरीदने के लिए अनुदान दे रही है जिससे अनेक दुग्ध समितियां के माध्यम से महिलाये स्वरोजगार के क्षेत्र में कदम बढा रही है।
इसी क्रम में पौड़ी जनपद के विकास खंड द्वारीखाल के दुग्ध उत्पादन सहकारी समिति ग्वीन छोटा में स्वच्छ दुग्ध उत्पादन के तहत गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमे दुग्ध निरीक्षक ओंकार दत्त तथा पशुचिकित्सक डाक्टर के .एस.राणा ने गोष्ठी में दुग्ध उत्पादको को सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी साझा की जिसमे एनसीडीसी योजना के तहत दो से पाँच दुधारु गाय खरीदने पर 75 प्रतिशत अनुदान चारा खरीदने पर पचास प्रतिशत अनुदान, तथा दुग्ध उत्पादको को प्रशिक्षण आदि की महत्वपूर्ण जानकारी दी।
गोष्ठी में गढवाल उत्पादन सहकारी संघ श्रीनगर की प्रबंध कमेटी की सदस्य पवित्रा देवी उनियाल ने दुग्ध उत्पादन से जुड़ी महिलाओ को दुग्ध किट का का वितरण किया। दुग्ध उत्पादन समिति के अध्यक्ष कमल उनियाल ने कहा सरकार के सकारात्मक प्रयास से से आंचल डेयरी के उत्पाद ने देश विदेश में अपनी विषेश पहचान बनायी है उन्होने पहाडो में पायी जाने वाली बद्री गाय की संरक्षण हेतु सभी दुग्ध उत्पादको को आगे आने को कहा कयोंकि इस गाय का दूध अमृत के समान होता है। बद्री गाय का दूध औषधीय गुणो से भरपूर होता है।
इस अवसर पर दुग्ध उत्पादन सहकारी समिति के सचिव विमल रावत, साबा देवी, वन्दना देवी, सरिता देवी, मधु देवी, सादे देवी, माहदेवी, संगीता देवी, ममता देवी आदि मौजूद रहे।