@ रीवा मध्यप्रदेश
आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रीवा के स्वर्ण जयंती वर्ष के समापन समारोह एवं छात्र सम्मेलन कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल शामिल हुए। विद्यालय के पूर्व छात्र उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि मॉडल स्कूल में शिक्षा के साथ संस्कार का भी पाठ पढ़ाया जाता है। संस्कार के बिना शिक्षा अधूरी है। संस्कारयुक्त शिक्षा से संवेदनशीलता आती है जो जरूरतमंदों के जीवन में बदलाव लाने का कार्य करती है। उन्होंने कहा कि स्कूल की शिक्षा जीवन भर काम आती है। गुरूओं के आचरण से जो सीखा वह आज भी काम आ रहा है।
उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि रीवा के बदलाव में मॉडल स्कूल व इंजीनियरिंग कालेज के छात्रों का प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से योगदान है। इन संस्थानों के छात्र देश व प्रदेश में जहाँ भी हैं उन्होंने रीवा के विकास में अपना योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि विन्ध्य क्षेत्र व रीवा विकास की नई उड़ान भरने को तैयार है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले पाँच वर्षों में जिले में 9 लाख एकड़ क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा मिलने लगेगी। आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए अधोसंरचना विकास आवश्यक है। सिंचाई सुविधाओं का विस्तार, उद्योगों की स्थापना, अधोसंरचना विकास व ग्रोथ रेट बढ़ाने की दिशा में तेजी से कार्य किए जा रहे हैं।
स्मार्ट कक्षाओं का लोकार्पण किया
उप मुख्यमंत्री ने मॉडल स्कूल के पूर्व छात्रों से कहा कि वह अपने कर्तव्य स्थल में कार्य करते हुए रीवा के विकास कार्यों में भी सहभागी बनें। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन स्कूल के संबंधों को प्रगाढ़ करने का माध्यम होते हैं। पूर्व छात्रों की सहभागिता अपने विद्यालय के प्रति प्रेम को दर्शाता है। शुक्ल ने मॉडल स्कूल की प्रतिष्ठा का श्रेय विद्यालय के पूर्व प्राचार्य स्वर्गीय गुरू प्रसाद वास्तव एवं अन्य वरिष्ठ गुरूजनों को दिया। उन्होंने विद्यालय में स्मार्ट कक्षाओं का लोकार्पण किया तथा आश्वस्त किया कि विद्यालय के विकास के लिए हर संभव मदद के प्रयास किए जाएंगे।
विद्यालय की स्मारिका “सृजन” का विमोचन किया
उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने विद्यालय की स्मारिका सृजन पत्रिका का विमोचन किया। उन्होंने जनसम्पर्क विभाग के पूर्व अधिकारी जे.पी. कौशल को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। मॉडल स्कूल के पूर्व छात्रों में से सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी दीपक खांडेकर, वरिष्ठ पत्रकार जयराम शुक्ला सहित अन्य पूर्व छात्रों ने अपने अनुभव छात्रों से साझा कर उन्हें उज्ज्वल भविष्य के लिए सतत प्रयास करने प्रेरित किया।
सांसद जनार्दन मिश्र ने कहा कि छात्र को अपने शिक्षकों के योगदान को हमेशा याद रखना चाहिए। उन्होंने मॉडल स्कूल में पूर्व छात्रों द्वारा वर्तमान में अध्ययन कर रहे विद्यार्थियों के साथ संवाद के क्रम की सराहना की। एलुमिनी एसोसिएशन के अध्यक्ष, पूर्व छात्र प्राचार्य पंकज शर्मा ने बताया कि मॉडल स्कूल की स्थापना एक जुलाई 1974 को की गई थी। उन्होंने विद्यालय की प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में पूर्व छात्र, विद्यालय के शिक्षक, विद्यार्थी और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।