जबलपुर में बनेगा टेक्सटाइल का अत्याधुनिक स्किल डेवलपमेंट सेंटर : मुख्यमंत्री

@ भोपाल मध्यप्रदेश

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश में अनेक क्षेत्रों में उद्द्योग स्थापना का कार्य प्राथमिकता से किया जायेगा। मध्यप्रदेश में टेक्सटाइल, रक्षा संस्थान के लिए एक टैंक निर्माण, फार्मा क्षेत्र और पर्यटन के क्षेत्र में नए-नए उद्योग प्रारंभ किये जायेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आज जबलपुर के “सुभाष चंद्र बोस कल्चरल एंड इनफॉरमेशन सेंटर” में रीजनल इंडस्ट्री कांक्लेव में उद्योगों से जुड़ी महत्वपूर्ण घोषणाएं की। यह सभी घोषणाएं उद्योगों के प्रोत्साहन से संबंधित हैं। कॉन्क्लेव में देश-विदेश के अनेक प्रमुख उद्योगपति शामिल हुए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जबलपुर में टेक्सटाइल के अति आधुनिक स्किल डेवलपमेंट सेंटर की शुरुआत की जायेगी, जिससे विशेष रूप से बहनों को रोजगार प्राप्त होगा।

मध्यप्रदेश में वर्ष 2024 की आज दूसरी रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव जबलपुर में हुई। इसमें ताईवान, मलेशिया, ब्रिटेन, फिजी और इंडोनेशिया के साथ और देश के विभिन्न राज्यों से बड़े उद्योगपति शामिल हुए। उल्लेखनीय है कि गत मार्च-2024 में उज्जैन में इंडस्ट्री कॉन्क्लेव हुई थी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कॉन्क्लेव में प्रदेश की 29 औद्योगिक इकाइयों के लोकार्पण और 38 औद्योगिक इकाइयों का भूमि-पूजन किया। प्रदेश के विभिन्न 10 स्थान से जन-प्रतिनिधि लोकार्पण और भूमि पूजन कार्यक्रम से जुड़े। इनमें कुल 1500 करोड रुपए का निवेश होगा और 4500 लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। औद्योगिक इकाइयों को आशय-पत्र सौंपे गये, जिससे करीब 12 हजार लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। कुल 340 एकड़ भूमि के आवंटन के लिए आशय-पत्र सौंपे गये। कॉन्क्लेव में आईटी, आईटीईएस एवं ईएसडीएम पॉलिसी-2023 का विमोचन भी किया गया।

कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री डॉ. यादव की उपस्थिति में 600 करोड रूपये के निवेश के लिए अशोक लीलैंड और आर्मर्ड व्हीकल निगम लिमिटेड के बीच करारनामा हुआ। उल्लेखनीय है कि इस क्षेत्र में यह नया कदम है। यह रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण निवेश है। साथ ही सहयोग क्षेत्र में विकास और नवाचार को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में रक्षा संस्थान के लिए अब तक तोप निर्माण का कार्य होता रहा है, अब सेना के लिए टैंक भी बनाये जायेंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में 16 औद्योगिक पार्क के माध्यम से कुल 517 लघु, मध्यम और सूक्ष्म उद्योगों द्वारा पौने छः हजार करोड़ का निवेश किया गया, जिससे 20 हजार लोगों को रोजगार मिला है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि आज 67 औद्योगिक इकाइयों का लोकार्पण और भूमिपूजन एक महत्वपूर्ण समेकित प्रयास है। प्रदेश के 10 स्थानों से मंत्री, सांसद, विधायक वर्चुअली जुड़े। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जन-प्रतिनिधियों से चर्चा कर उन्हें नवीन इकाइयों की सौगात के लिये बधाई दी।

कॉन्क्लेव के शुभारम्भ अवसर पर अतिथियों का स्वागत कर मध्यप्रदेश की विशेषताओं पर केंद्रित एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। जबलपुर की रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में 4 हजार से ज्यादा निवेशक जुटे। निवेश के लिए उद्यमियों से वन-टू-वन चर्चा भी हुई। कॉन्क्लेव में 5 सेक्टर्स एयो, माइंस, डिफेंस, टूरिज्म और गारमेंट्स उद्योग पर फोकस किया गया।

प्रमुख सचिव सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग डॉ. नवनीत मोहन कोठारी ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग और स्टार्ट-अप की वर्तमान स्थिति, इकोनॉमी में योगदान, भविष्य की संभावनाओं और अवसरों पर प्रेजेंटेशन दिया। महाकौशल क्षेत्र में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग के विभिन्न सेक्टर, एमएसएमई पॉलिसी के लाभ और निवेश प्रोत्साहन की विशेषताओं से अवगत कराया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कॉन्क्लेव के दौरान राज्य की खनिज नीति के संदर्भ में तैयार की गई मार्गदर्शक पुस्तिका का विमोचन किया। कॉन्क्लेव में हाइडलबर्ग सीमेंट के सीईओ जॉयदीप मुखर्जी, प्रतिभा सिंटेक्स के एमडी श्रेयस्कर चौधरी, वीई कॉमर्शियल व्हीकल के एमडी विनोद अग्रवाल और एसआरएफ लिमिटेड के सीएमडी आशीष भारतम ने प्रदेश में निवेश करने के सुखद अनुभव सांझा किए। उन्होंने प्रदेश की सरल नीतियों और प्रोत्साहन को उद्द्योगों के लिए लाभदायक बताते हुए सभी निवेशकों को प्रदेश में निवेश करने के लिए आमन्त्रित किया। मुखर्जी ने कहा कि उन्हें लीडरशिप पर भरोसा है। मध्यप्रदेश में इसलिये निवेशक निवेश करने में रूचि लेते हैं। प्रतिभा सिंटेक्स के श्रेयस्कर चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव की जैसा कहते है, उसे पूरा भी करते है। वोल्वो आयशर के विनोद अग्रवाल ने कहा कि उन्हें मध्यप्रदेश में 35 हजार से अधिक लोगों को रोजगार देकर प्रसन्नता हुई है। प्रदेश में उद्योगों के अनुकूल वातावरण है। मध्यप्रदेश भारत का दिल है और अब मध्यप्रदेश सरताज बनेगा।

राज्य सरकार ने प्रतिबद्धतापूर्वक जबलपुर स्मार्ट सिटी पहल के तहत स्टार्टअप्स को धन के आवंटन और वितरण की भी घोषणा की। कॉन्क्लेव में 30 से अधिक वक्ताओं और पैनलिस्टों के साथ कई क्षेत्रीय सत्र आयोजित किए गए, जिनमें वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे, जिन्होंने पर्यटन में विशिष्ट अवसरों पर चर्चा करते हुए पैनल चर्चा में भाग लिया। इसमें वस्त्र एवं परिधान, रक्षा, कृषि, खाद्य प्र-संस्करण एवं डेयरी और खनन एवं खनिज क्षेत्र शामिल है। इन सत्रों ने हितधारकों को सार्थक चर्चाओं में शामिल होने और संभावित साझेदारियों का पता लगाने के लिए एक मंच प्रदान किया। उद्योग संघों, स्टार्टअप्स और रक्षा, कपड़ा और परिधान के विशेषज्ञों के साथ गोलमेज चर्चा की गई, जिसमें प्रमुख वक्ता शामिल थे।

एमएसएमई मंत्री चैतन्य काश्यप ने कहा कि रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव एक ऐसी शुरुआत है जो मध्यप्रदेश को देश में अलग स्थान प्रदान करेगी। महाकाल की नगरी उज्जैन से इसकी शुरुआत हुई जो आज महाकौशल में पहुंची है। यह कॉन्क्लेव क्षेत्र के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी। इसका उद्देश्य किसी क्षेत्र विशेष तक ही सीमित न करते हुये प्रदेश के सभी क्षेत्रों का विकास सामूहिक रूप से करना है। साथ ही स्थानीय उद्योगपतियों को विकास के नये अवसर प्रदान करना है, जिससे प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोज़गार सृजन हो।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास एवं श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री संपतिया उइके, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) लखन पटेल, सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते, ललिता पारधी, जबलपुर के महापौर जगत बहादुर अन्नू एवं जन-प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

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