@ सिद्धार्थ पाण्डेय गुवा/ जमशेदपुर झारखंड
शिक्षा का अलख जगाने के ध्येय से डीएवी, सेंटर ऑफ एकेडमिक एक्सीलेंस, नई दिल्ली के तत्वधान में सूरजमल जैन डीएवी पब्लिक स्कूल चाईबासा मे सहायक क्षेत्रीय पदाधिकारी ओ पी मिश्रा व क्लस्टर हेड रेखा कुमारी के मार्गदर्शन में शिक्षकों की तीन दिवसीय क्षमता संवर्धन कार्यशाला का शुभारंभ किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।उद्घाटन समारोह में सहायक क्षेत्रीय पदाधिकारी ओपी मिश्रा ने विभिन्न विद्यालयों से आए शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि इस प्रतियोगी युग में शिक्षकों का कौशल संवर्धन आवश्यक है क्योंकि इंटरनेट शिक्षकों से बेहतर नहीं हो सकता। आज भी शिक्षकों का कोई विकल्प नहीं।ओपी मिश्रा ने बताया कि वर्तमान में नई शिक्षा नीति में आए बदलाव की चर्चा एवं योजना की जानकारी शिक्षकों को देना अनिवार्य है ।
इसमें यह चर्चा की गई कि योजना को कैसे स्कूलों में क्रियान्वित किया जाय ताकि पठन-पाठन कार्यक्रम सरल हो सके। साथ बच्चों में अच्छा इंसान बनाने के लिए नैतिक मूल्य को शिक्षा से जुड़ा दिया जाना उन्होंने अत्यंत अनिवार्य बताया विद्यालय की प्राचार्या रेखा कुमारी ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में जिस प्रकार से बदलाव आ रहे हैं ऐसे में इस कार्यशाला की महत्ता बढ़ जाती है। क्षमता संवर्धन कार्यशाला बच्चों व शिक्षकों के लिए अत्यंत लाभदायक है। कार्यक्रम के महत्त्व पर शिक्षक विवेकानंद मिश्रा ने प्रकाश डाला व शिक्षिकाओं द्वारा प्रेरणा गीत प्रस्तुत किया गया।
मौके पर विभिन्न स्कूलो के प्राचार्यों में डीएवी झींकपानी के एस के पाठक, डीएवी बुण्डू के तन्मय बनर्जी, डीएकी चिरिया के एस के झा, डीएवी बहरागोडा के अनूप कुमार , डीएवी तोवामुंडी के पी के भुईंया, डीएवी गुवा की उषा राय इत्यादि शिक्षा प्रतिनिधि उपस्थित थे। इस कार्यशाला में डीएवी चाईबासा,एन आई टी, नोवामुण्डी, झींकपानी,गुआ, बहरागोड़ा ,चिड़िया और डीएवी बुंडू से सभी विषयों के कुल 300 शिक्षक- शिक्षिकाओं ने भाग लिया।
स्वागत भाषण तथा मंच संचालन शिक्षक एस बी सिंह ने किया। कार्यक्रम के दूसरे चरण में डीएवी बहरागोड़ा के प्राचार्य अनूप कुमार ने खासतौर से विज्ञान शिक्षकों के प्रशिक्षण में प्रयोगी शिक्षा के उपयोग पर सारगर्भित विचार दिए ।