@ जम्मू और कश्मीर
भारत की चुनावी राजनीति में बड़ी प्रगति के साथ जम्मू एवं कश्मीर पिछले 35 वर्षों में सबसे अधिक मतदान भागीदारी का गवाह बना है। आम चुनाव 2024 में इस पूरे केंद्र-शासित प्रदेश (5 लोकसभा सीटों) के लिए मतदान केंद्रों पर 58.46 प्रतिशत संयुक्त मतदाता मतदान हुआ।
चुनाव में यह महत्वपूर्ण भागीदारी क्षेत्र में लोगों की मजबूत लोकतांत्रिक भावना और नागरिक सहभागिता का प्रमाण है। चुनाव आयुक्तों ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू के साथ मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में निर्वाचन आयोग ने मतदान कर्मियों और सुरक्षा अधिकारियों को इस केंद्र-शासित प्रदेश में शांतिपूर्ण मतदान संपन्न कराने के लिए धन्यवाद दिया।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने जम्मू-कश्मीर के मतदाताओं को निर्वाचन आयोग की ओर से बधाई देते हुए कहा यह उपलब्धि 2019 के बाद चुनाव लड़ने वालों की संख्या में 25 प्रतिशत की वृद्धि सी-विजिल शिकायतों में नागरिकों की बढ़ी हुई भागीदारी सुविधा पोर्टल पर रैलियों आदि के लिए 2455 अनुरोध आदि की विश्वसनीय बुनियाद पर आधारित है जो लगातार चुनाव तथा प्रचार क्षेत्र में झिझक से दूर और पूर्ण भागीदारी के लिए तेज बदलाव को दर्शाता है। चुनावी लामबंदी और भागीदारी की स्तरित गहराई के इस नतीजे की तुलना कश्मीरी कारीगर बुनाई की प्रसिद्धि और उनकी कुशलता की याद दिलाती है। चुनाव में यह सक्रिय भागीदारी प्रदेश में जल्द ही कराए जाने वाले विधानसभा चुनावों के लिए बहुत बड़ी सकारात्मक बात है।
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में 5 संसदीय क्षेत्र अर्थात् नगर बारामूला अनंतनाग राजौरी उधमपुर और जम्मू हैं। पिछले कुछ चुनावों में इन 5 संसदीय क्षेत्रों में संयुक्त वीटीआर नीचे दिया गया है:
कश्मीर घाटी के तीन संसदीय क्षेत्रों में 50.86 प्रतिशत मतदान हुआ जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया में लोगों के विश्वास को दर्शाता है। चुनाव भागीदारी प्रतिशत में 2019 में पिछले आम चुनाव के 19.16 प्रतिशत की तुलना में 30 अंक की वृद्धि देखी गई। घाटी के तीन संसदीय क्षेत्रों अर्थात् नगर बारामूला और अनंतनाग-राजौरी में वीटीआर क्रमशः 38.49 प्रतिशत 59.1 प्रतिशत और 54.84 प्रतिशत दर्ज किया गया जो पिछले 3 दशकों में सबसे ज्यादा है। इस केंद्र-शासित प्रदेश में अन्य दो संसदीय क्षेत्रों अर्थात् उधमपुर और जम्मू में क्रमश: 68.27 प्रतिशत और 72.22 प्रतिशत मतदान हुआ।
इस केंद्र-शासित प्रदेश में चुनाव में ऐतिहासिक भागीदारी का एहसास चुनाव और सुरक्षा अधिकारियों के गंभीर प्रयासों से हुआ जिन्होंने जम्मू और कश्मीर के लोगों विशेष रूप से युवाओं को चुनाव में भाग लेने हेतु सशक्त बनाने के लिए अथक प्रयास किया। बड़ी संख्या में युवाओं ने लोकतंत्र में भरोसा जताया और बड़े पैमाने पर लोकतंत्र को अपनाया है। एक और दिलचस्प परिप्रेक्ष्य 18 से 59 वर्ष के आयु वर्ग के मतदाताओं का है जो केन्द्र शासित प्रदेश में निर्वाचकों का प्रमुख हिस्सा हैं। आम चुनाव 2024 में उच्च मतदान प्रतिशत लोकतंत्र में उनके विश्वास को प्रतिबिंबित करता है जो एक सकारात्मक और सुखद बदलाव है।