NAHI ने टोलिंग पर अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया

@ नई दिल्ली

राष्ट्रीय राजमार्गों पर वाहन चालकों को निर्बाध और बाधा मुक्त टोलिंग अनुभव कराने के लिए NHAI द्वारा प्रवर्तित कंपनी भारतीय राजमार्ग प्रबंधन कंपनी लिमिटेड ने ‘भारत में ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम पर आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्र‍ह’ पर नई दिल्ली में एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया। इस अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला में उद्योग जगत और वैश्विक विशेषज्ञों दोनों को ही भारत में जीएनएसएस प्रौद्योगिकी पर आधारित फ्री-फ्लो टोलिंग प्रणाली के सुचारू कार्यान्वयन से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श करने के लिए एक अनूठा मंच मुहैया कराया गया।

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी इस अवसर पर मुख्य अतिथि थे। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग एवं कॉरपोरेट कार्य राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग सचिव अनुराग जैन, NHAI के अध्यक्ष संतोष कुमार यादव, NHAI के सदस्य (प्रशासन) एवं आईएचएमसीएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक विशाल चौहान, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के संयुक्त सचिव (लॉजिस्टिक्स) एस.पी. सिंह तथा सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, NHAI, आईएचएमसीएल के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ अमेरिका और यूरोप के अंतर्राष्ट्रीय उद्योग विशेषज्ञ और आईआईटी, एनआईसी, एनपीसीआई, सी-डैक, एचओए (आई), एनएचबीएफ, आईआरएफ, एसआईएएम, वित्तीय संस्थानों और अग्रणी वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनियों के प्रतिनिधिगण भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

दिन भर चली कार्यशाला में कई पैनल चर्चाएं हुईं। इन चर्चाओं में विभिन्न औद्योगिक और तकनीकी पेशेवरों के साथ-साथ दुनिया भर के ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम विशेषज्ञों ने विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया। इसमें ऑन-बोर्ड यूनिट्स (ओबीयू), वाणिज्यिक वाहन और राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क नियम, टोल चार्जर सॉफ्टवेयर, जारीकर्ता इकाई की भूमिका और भारत में मल्टी-लेन फ्री फ्लो ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह के सफल कार्यान्वयन के लिए सड़क बुनियादी ढांचे की आवश्यकताएं शामिल थीं।

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री  नितिन गडकरी ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा, ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम तकनीक नेविगेशन और पोजिशनिंग को बढ़ाती है, टोल संग्रह प्रणालियों को आधुनिक बनाने, निर्बाध यात्रा सुनिश्चित करने और हमारी सड़कों पर भीड़भाड़ को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हम नागरिकों के जीवन को सुगम बनाने, शासन को अधिक पारदर्शी बनाने और त्वरित सेवाएं प्रदान करने की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं।

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव अनुराग जैन ने कहा, कार्यशाला में ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम पर कई वैश्विक विशेषज्ञों की भागीदारी इस बात का प्रमाण है कि दुनिया भारत की विकास गाथा में विश्वास रखती है। हम वर्ष 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए काम कर रहे हैं और ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम का कार्यान्वयन उस लक्ष्य की दिशा में महत्वपूर्ण कदमों में से एक होगा।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अध्यक्ष संतोष कुमार यादव ने कहा, पिछले एक दशक में, सड़क नेटवर्क का कई गुना विस्तार हुआ है और राष्ट्रीय राजमार्ग यात्री यातायात के साथ-साथ देश की 70 प्रतिशत से अधिक वस्तुओं को लाने-ले जाने का काम करते हैं। ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम को लागू करने से न केवल हमारी अर्थव्यवस्था के विकास में बहुत बड़ा योगदान मिलेगा, बल्कि हमारे नागरिकों के लिए बाधा रहित टोल व्यवस्था भी एक वास्तविकता बन जाएगी।

NHAI के सदस्य (प्रशासन) एवं आईएमएचसीएल के सीएमडी विशाल चौहान ने भारत में जीएनएसएस आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला के दौरान आयोजित पैनल चर्चा के मुख्य बिंदुओं का सारांश प्रस्तुत किया तथा आगे की राह बताई।

ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम आधारित टोलिंग इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह का एक बैरियर फ्री तारीका है, जिसमें सड़क पर चलने वाले लोगों से टोल वाले राजमार्ग पर उनके द्वारा तय की गई दूरी के आधार पर शुल्क लिया जाता है।

NHAI मौजूदा फास्टैग इकोसिस्टम के भीतर जीएनएसएस-आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन प्रणाली को लागू करने की योजना बना रहा है, जिसमें शुरुआत में हाइब्रिड मॉडल का उपयोग किया जाएगा, जहां आरएफआईडी-आधारित ईटीसी और जीएनएसएस-आधारित ईटीसी दोनों एक साथ काम करेंगे। टोल प्लाजा पर समर्पित जीएनएसएस लेन उपलब्ध होंगी, जिससे जीएनएसएस-आधारित ईटीसी का उपयोग करने वाले वाहन आसानी से गुजर सकेंगे। जैसे-जैसे जीएनएसएस आधारित ईटीसी अधिक व्यापक होता जाएगा, सभी लेन अंततः जीएनएसएस लेन में परिवर्तित हो जाएंगी।

भारत में जीएनएसएस आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह के कार्यान्वयन से राष्ट्रीय राजमार्गों पर वाहनों की सुगम आवाजाही में सुविधा होगी और राजमार्ग उपयोगकर्ताओं को कई लाभ प्रदान करने की परिकल्पना की गई है जैसे कि बाधा रहित फ्री-फ्लो टोलिंग जिससे परेशानी मुक्त सवारी का अनुभव होगा और दूरी आधारित टोलिंग होगी। जीएनएसएस आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह से लीकेज को रोकने और टोल चोरों पर लगाम लगाने में भी मदद मिलेगी, जिसके परिणामस्वरूप देश भर में टोल संग्रह प्रणाली अधिक कुशल होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

LIVE OFFLINE
track image
Loading...