@ श्रीनगर जम्मू और कश्मीर
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर संसदीय क्षेत्र में रिकॉर्ड 38.49 प्रतिशत मतदान के बाद, अब बारामूला संसदीय क्षेत्र पिछले 8 लोकसभा चुनावों में सर्वाधिक मतदान की ओर बढ़ता प्रतीत हो रहा है। बारामूला, कुपवाड़ा, बांदीपोरा और बडगाम जिलों में शाम 5 बजे तक 54.21 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।
सीईसी राजीव कुमार ने साथी चुनाव आयुक्तों श्री ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू के साथ चुनाव के सुचारु व शांतिपूर्ण संचालन में सिविल और सुरक्षा कर्मियों दोनों के प्रयासों की सराहना की तथा उत्साहपूर्ण भागीदारी के लिए जम्मू-कश्मीर के मतदाताओं का आभार प्रकट करते हुए कहा कि इससे एक स्पष्ट संदेश गया है कि जम्मू-कश्मीर की जनता मताधिकार का प्रयोग करने और शासन की लोकतांत्रिक प्रणाली में हिस्सेदारी की इच्छुक है।
बारामूला संसदीय क्षेत्र के 2103 मतदान केंद्रों पर वोट डाले गए। मतदान केंद्रों पर मतदान लाइव वेबकास्टिंग के साथ संपन्न हुआ। संसदीय क्षेत्र में सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ और उत्साही मतदाताओं की लंबी कतारें वोट डालने के लिए इंतजार करती देखी गईं।
पिछले कुछ चुनावों में कुल मतदाताओं द्वारा मतदान
संसदीय क्षेत्र/वर्ष | 2019 | 2014 | 2009 | 2004 | 1999 | 1998 | 1996 | 1989 |
बारामूला | 34.6 प्रतिशत | 39.14 प्रतिशत | 41.84 प्रतिशत | 35.65
प्रतिशत |
27.79
प्रतिशत |
41.94
प्रतिशत |
46.65
प्रतिशत |
5.48
प्रतिशत |
श्रीनगर | 14.43 प्रतिशत | 25.86
प्रतिशत |
25.55 प्रतिशत | 18.57 प्रतिशत | 11.93 प्रतिशत | 30.06 प्रतिशत | 40.94 प्रतिशत | निर्विरोध |
वर्तमान में जारी आम चुनाव 2024 में बारामूला संसदीय क्षेत्र में 22 उम्मीदवार मैदान में हैं। सुरक्षा कर्मियों सहित मतदान कर्मियों ने यह सुनिश्चित करने का अथक प्रयास किया कि मतदान केंद्रों पर निश्चिंतता, शांति और उत्सव का माहौल मतदाताओं का स्वागत करे। आयोग ने दिल्ली, जम्मू और उधमपुर के विभिन्न राहत शिविरों में रहने वाले कश्मीरी प्रवासी मतदाताओं को भी निर्दिष्ट विशेष मतदान केंद्रों पर व्यक्तिगत रूप से मतदान करने या डाक मतपत्र का उपयोग करने का विकल्प दिया। जम्मू में 21, उधमपुर में 1 और दिल्ली में 4 विशेष मतदान केंद्र स्थापित किए गए।
जम्मू, उधमपुर और दिल्ली में विशेष मतदान केंद्रों पर प्रवासी मतदाता
इससे पहले, चौथे चरण में, श्रीनगर संसदीय क्षेत्र में श्रीनगर, गांदरबल, पुलवामा, बडगाम और शोपियां जिलों को आंशिक रूप से कवर करते हुए 38.49 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था, जो कई दशकों में सबसे अधिक था। अनुच्छेद 370 के निरस्त होने और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के लागू होने के बाद घाटी में यह पहला आम चुनाव है।