@ शिमला हिमाचल
प्रदेश में नशे के खिलाफ जिला स्तर पर विशेष अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान में पंचायती राज संस्थानों और पंचायत समिति सदस्यों को भी शामिल किया जाएगा। पंचायत स्तर पर इस अभियान की सफलता के उपरांत इसे एकीकृत तरीके से शुरू कर पुलिस और शैक्षणिक संस्थानों को शामिल करके इसे और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा।
राजभवन में राज्यपाल शिव प्रताल शुक्ल की ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह के साथ हुई बैठक के दौरान द्वारा यह निर्णय लिया गया। राज्यपाल ने विभाग को इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर सौंपने के आदेश दिए ताकि इसके लिए शीघ्र अति शीघ्र उचित कदम उठाए जा सकें। उन्होंने ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग को इस संबंध में प्रभावी रूप से कार्य करने के लिए महत्वपूर्ण विभाग बताया।
विभाग द्वारा इस क्षेत्र में विकासात्मक कार्यों के साथ-साथ जागरूकता के लिए भी ग्रामीण स्तर पर भी कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नशा निवारण के खिलाफ आम आदमी की भागीदारी भी सुनिश्चिित होना बेहद जरूरी है। मादक पदार्थों की लत से जूझ रहे लोगों के लिए भी आम जनता का सहायक होना आवश्यक है। नशा तस्करों के खिलाफ अभियान चलाने के लिए भी जनमानस का सहयोग अत्यंत आपेक्षित है।
उन्होंने ग्रामीण स्तर पर जनता को वीडियो संदेशों व प्रचार सामग्री के माध्यम से जानकारी व जागरूकता करने की आवश्यकता पर बल दिया। अनिरुद्ध सिंह ने इस पहल के प्रति सभी स्तरों पर हरसंभव विभागीय सहयोग का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि राज्य को नशा मुुक्त बनाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा सक्रिय प्रयास किए जा रहे हैं और मादक पदार्थों की तस्करी करने वालों के खिलाफ सख्ती से निपटा जा रहा है।
उन्होंने नशा मुक्ति के संबंध में नियमों में बदलाव की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि सिंथैटिक नशे का सेवन एक बड़ी चुनौती। उन्होंने विश्वास जताया कि राज्यपाल के कुशल मार्गदर्शन व जिलों में तैनात उपायुक्तों के सक्रिय सहयोग से अभियान को सफलता मिलेगी। इस मौके पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज सचिव राजेश शर्मा, राज्यपाल के सचिव सी. पी. वर्मा, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज निदेशक राघव शर्मा, अतिरिक्त निदेशक नीरज चांदला, अतिरिक्त निदेशक केवल शर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।