@ नई दिल्ली
केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय के केंद्रीय योग और प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद के तहत सफदरजंग अस्पताल में योग और नेचुरोपैथी ओपीडी व लाइफस्टाइल इंटरवेंशन सेंटर ने रोगियों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के स्वास्थ्य को बढ़ाने के लिए चिकित्सा पद्धति में योग को शामिल करना शीर्षक से एक संगोष्ठी का सफलतापूर्वक आयोजन किया।
इस संगोष्ठी ने योग, स्वास्थ्य सेवा और अनुसंधान के क्षेत्रों के प्रतिष्ठित विशेषज्ञों को चिकित्सा पद्धति में योग को शामिल करने के बहुत से लाभों का पता लगाने के लिए एक मंच प्रदान किया। डॉ. सुजाता जॉर्ज योग और प्राकृतिक चिकित्सा वरिष्ठ सलाहकार चिकित्सक ने बताया कि इस कार्यक्रम में सफदरजंग अस्पताल के लगभग 85 चिकित्सा पेशेवरों ने भाग लिया, जिनमें डॉ. जयंती मणि अतिरिक्त चिकित्सा अधीक्षक, डॉ. आर पी अरोड़ा एएमएस, डॉ. गौरव अरोड़ा एएमएस, एलोपैथी डॉक्टर, रेजिडेंट, नर्सिंग स्टाफ, स्वास्थ्य सेवा प्रशासक और आयुष विभाग के डॉक्टर शामिल थे।
संगोष्ठी की मुख्य हाइलाइट्स में शामिल थी:
• योग के शारीरिक और मनोवैज्ञानिक लाभों पर साक्ष्य-आधारित अंतर्दृष्टि, सीसीआरवाईएन के निदेशक डॉ. राघवेंद्र राव जैसे प्रतिष्ठित वक्ताओं द्वारा प्रस्तुति की गई।
• चिकित्सा व्यवस्था में योग के उपयोग को और अधिक मान्य व विस्तारित करने के लिए शोधकर्ताओं और चिकित्सकों के बीच सहयोगी अनुसंधान अवसरों पर चर्चा।
• हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स के लिए स्वस्थ जीवनशैली प्रथाओं और योग पर एक व्यावहारिक सत्र, जिसमें बर्नआउट को कम करने और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के बीच मानसिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए योग के महत्व पर डॉ. अथिराय के.आर. द्वारा प्रकाश डाला गया।
• वाई-ब्रेक पहल का परिचय, आयुष मंत्रालय द्वारा कर्मचारियों के बीच मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने हेतु कार्यस्थल के लिए डिज़ाइन किया गया एक छोटा, निर्देशित योग सत्र।