@ नई दिल्ली :-
शिक्षा मंत्रालय ने नई दिल्ली के शास्त्री भवन स्थित अपने परिसर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया। इस कार्यक्रम में सभी विभागों की महिला कर्मचारियों को एक साथ लाया गया और उनके योगदान को मान्यता दी गई एवं प्रेरक कहानियां साझा की गईं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षा मंत्रालय में महिलाओं के योगदान को मान्यता देना और एक संवादात्मक सत्र के माध्यम से उनके कल्याण को बढ़ावा देना था।
उच्च शिक्षा विभाग के सचिव विनीत जोशी; अतिरिक्त सचिव सुनील कुमार बर्णवाल; स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के अतिरिक्त सचिव आनंदराव विष्णु पाटिल; उच्च शिक्षा विभाग की संयुक्त सचिव रीना सोनोवाल कौली ने इस अवसर पर उपस्थित होकर इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। इस कार्यक्रम में एनआईईपीए की कुलपति शशिकला वंजारी ने भी विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लिया।
इस कार्यक्रम के दौरान, विनीत जोशी ने कार्य निष्पादन में महिलाओं के समर्पण एवं उनकी दक्षता पर प्रकाश डाला और उनकी जवाबदेही एवं जिम्मेदारी की भावना पर जोर दिया। उन्होंने लैंगिक रूप से समावेशी कार्यबल को बनाए रखने और सभी के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने के प्रति मंत्रालय की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने विभिन्न भूमिकाओं में महिलाओं द्वारा प्रदर्शित नेतृत्व क्षमता पर प्रकाश डाला और इस संस्था को मजबूत बनाने में उनके योगदानों को स्वीकार किया।
अहिल्याबाई होल्कर और जीजाबाई जैसी विभूतियों से प्रेरणा लेते हुए, प्रोफेसर शशिकला वंजारी ने भारतीय संदर्भ में महिलाओं की असाधारण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे इन विभूतियों ने पारिवारिक एवं प्रशासनिक दायित्वों का कुशलतापूर्वक निर्वहन किया और समाज के लिए एक मिसाल कायम की।
उपस्थित लोगों को प्रेरित करने एवं उन्हें सशक्त बनाने हेतु, मूलचंद अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. जितेंद्र नागपाल ने महिला कर्मचारियों के सामान्य स्वास्थ्य एवं पेशेवर विकास पर ध्यान केन्द्रित करते हुए एक सत्र को संबोधित किया। इस सत्र में कार्य और जीवन के बीच एक स्वस्थ संतुलन बनाए रखने के बारे में बहुमूल्य जानकारियां दी गईं।
शिक्षा मंत्रालय की सभी महिला कर्मचारियों ने इस समारोह में भाग लिया, जोकि महिला कर्मचारियों की कड़ी मेहनत एवं समर्पण को मान्यता देने के प्रति मंत्रालय की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।