@ सिरसा हरियाणा
हरियाणा की सिरसा लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी डॉ. अशोक तंवर को किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा। शनिवार को घुकावाली गांव में प्रचार के लिए पहुंचे अशोक तंवर को किसानों ने घेर लिया। किसानों ने तंवर के चार पार्टी बदलने पर सवाल उठाए। इसके जवाब में तंवर ने कहा कि चोरों के साथ खड़ा रहूं क्या मैं?, मैं तो हमेशा मजदूर और किसानों के साथ खड़ा रहा हूं।
पूरी घटना का वीडियो भी सामने आया है। किसानों के विरोध के चलते गांव में पुलिसबल तैनात किया गया था। अशोक तंवर बिना प्रचार किए ही लौट गए।
किसान नेता गुरदास सिंह ने कहा कि हम तो सवाल पूछने के लिए गए थे, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। हम किसान आंदोलन की मांगें पूरी करने, हमले और मौत पर बात करते रहे। भाजपा ने उनके साथ धोखा किया और किसानों को मारा है। भाजपा किसान विरोधी है और बड़े घरानों के कर्ज माफ कर रही है।
किसानों ने कहा कि उन्हें दिल्ली जाने से रोका गया। डबवाली से दिल्ली जाने वाला रास्ता किसानों के नाम पर बंद किया है। किसान के बेटे शुभकरण को सरेआम गोली मार दी। किसानों ने अशोक तंवर को कहा कि आप तो कई पार्टियां बदल चुके हो, अगर आप किसानों के साथ हो तो भाजपा को छोड़कर किसानों के साथ आओ। भाजपा चोर पार्टी है और हर किसी के साथ धक्का कर रही है।
करीब 8 दिन पहले सिरसा के ही रोड़ी गांव में अशोक तंवर को अपना कार्यक्रम रद्द करना पड़ा था। तंवर के कार्यक्रम की भनक लगते ही किसान इकट्ठे हो गए। काले झंडे लेकर उन्होंने भाजपा के खिलाफ नारेबाजी की।
डॉ. अशोक तंवर वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में सिरसा सीट से कांग्रेस के टिकट पर सांसद बने थे। वह कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। कांग्रेस में रहते हुए तंवर की पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ खटपट रही। इसी के चलते 2019 में विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया।
इसके बाद वह ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। हालांकि इस पार्टी में भी तंवर ज्यादा दिन नहीं रह पाए। इसके बाद उन्होंने आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया। जनवरी 2024 में अशोक तंवर ने AAP को भी अलविदा कह दिया और भाजपा में शामिल हो गए। इसके बाद भाजपा ने उन्हें सिरसा लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया।