@ नई दिल्ली
भारत शीघ्र ही अपने स्वयं के मल्टी-चैनल, ट्यूनेबल लेजर सिस्टम प्रौद्योगिकी प्लेटफ़ॉर्म तैयार कर सकता है। यह क्वांटम ऑप्टिक्स प्रयोगशालाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं। इन्हें विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के एक स्वायत्त संस्थान रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट की एक स्पिनऑफ़ कंपनी द्वारा निर्मित किया गया है। स्वदेशी प्लेटफ़ॉर्म क्वांटम ऑप्टिक्स प्रयोगशालाओं की लागत को कम कर सकते हैं और इनका उपयोग चिकित्सा, रिमोट सेंसिंग, जियो-मैपिंग और अंतरिक्ष के लिए किया जा सकता है।
किसी भी क्वांटम ऑप्टिक्स प्रयोगशाला का आधार उसकी उच्च शुद्धता से युक्त लेजर प्रणाली होती है लेकिन उनकी अत्यधिक लागत अत्याधुनिक अनुसंधान और क्वांटम प्रौद्योगिकी आधारित औद्योगिक अनुप्रयोगों दोनों में नुकसानदायक रही है।
क्वांटम सक्षम प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों और औद्योगिक उपयोगों के लिए आवश्यक परिशुद्धता लेजर प्रणालियों के लिए प्रौद्योगिकी विकसित करने वाली आरआरआई ने हाल ही में अपनी ओर से पहली स्पिन-ऑफ कंपनी नेक्सएटम रिसर्च एंड इंस्ट्रूमेंट्स को लाइसेंस प्रदान किया है। यह स्पिनऑफ कंपनी जल्द ही मल्टी-चैनल, ट्यूनेबल लेजर सिस्टम प्रौद्योगिकी प्लेटफ़ॉर्म का उत्पादन शुरू करेगी। आरआरआई ने ‘फ्रीक्वेंसी ट्यूनेबिलिटी और प्रिसीजन कंट्रोल के साथ स्टैंडअलोन लेजर सिस्टम’ के लिए एक अनंतिम भारतीय पेटेंट दायर किया है।पिछले वर्ष भारत ने 6,000 करोड़ रुपये के महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय क्वांटम मिशन का शुभारंभ किया था। आरआरआई भविष्य के लिए क्वांटम-आधारित प्रौद्योगिकी समाधानों के सुचारू कार्यान्वयन को सक्षम करने वाले इकोसिस्टम के निर्माण में योगदान दे रहा है।
ट्यूनेबल लेजर जिन्हें एक्सटर्नल कैविटी डायोड लेजर भी कहा जाता है, बेहद सटीक स्पेक्ट्रोस्कोपिक उपकरण हैं जो अनुसंधान और प्रौद्योगिकी प्रयोगशालाओं में क्वांटम सिस्टम पर कार्य करने के लिए हैं। ऐसे ट्यूनेबल लेजर सिस्टम क्वांटम संचार, क्वांटम प्रौद्योगिकी, क्वांटम सिस्टम और मेट्रोलॉजी में समाधान विकसित करने के लिए उपयोगी होंगे- ये सभी डीएसटी के नेतृत्व वाले एनक्यूएम के मुख्य विषय हैं।नेक्सएटम की ट्यूनेबल लेजर प्रणाली पर काम 2017 के आसपास शुरू हुआ, जब लेजर के लिए नियंत्रण इलेक्ट्रॉनिक्स प्रौद्योगिकी अनुरूप से डिजिटल मोड में परिवर्तित हो रही थी।
स्पिनऑफ़ कंपनी के संस्थापक और सिस्टम डिज़ाइन विशेषज्ञ सुबोध वशिष्ठ ने बताया कि लेजर डायोड के लिए मैकेनिकल असेंबली में बदलाव करके और सुविधाओं को बढ़ाने के लिए बुनियादी री-प्रोग्रामिंग करके, हमारे सिस्टम को विभिन्न अंतिम-उपयोगकर्ता आवश्यकताओं के अनुसार उपयुक्त रूप से अनुकूलित किया जा सकता है। यह चिकित्सा, रिमोट सेंसिंग, जियो-मैपिंग, अंतरिक्ष और समुद्री नेविगेशन के क्षेत्रों में कई तरह के अनुप्रयोगों की पेशकश करता है। इसके अलावा, सहायक सिस्टम और उपकरण खरीदने की ज़रूरत नहीं होगी, जिनसे कुल लागत में बढ़ोत्तरी होती है।
नेक्सएटम की लेजर प्रणाली को एक संपूर्ण एकीकृत पैकेज या उप-प्रणाली के रूप में खरीदा जा सकता है, जिससे यह अत्यधिक लागत प्रभावी हो जाती है।
आरआरआई में लाइट एंड मैटर समूह के प्रोफेसर सादिक रंगवाला ने कहा कि इस स्पिनऑफ कंपनी के माध्यम से, आरआरआई और नेक्सएटम भारत में उद्यमिता की दिशा में क्वांटम क्षेत्र में कार्य करने वाले शिक्षा जगत के अन्य लोगों के लिए एक टेम्पलेट बनाना चाहते हैं।
कंपनी के प्रमुख तकनीकी सलाहकार के तौर पर भी कार्यरत प्रो. रंगवाला ने कहा कि यह उद्यम देश में एक उच्च स्तरीय वैज्ञानिक इकोसिस्टम स्थापित करने की दिशा में एक योगदान है। भविष्य के अनुकूल प्रोटोटाइप लेजर सिस्टम का विकास आगामी एनक्यूएम का समर्थन करने के लिए एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।
परिशुद्ध ट्यूनेबल लेजर प्रणाली के अतिरिक्त, नेक्सएटम के कुछ अन्य उत्पाद हैं: परिशुद्ध टाइम टैगर्स, जिनका उपयोग क्वांटम अनुप्रयोगों में एकल-फोटॉन घटनाओं की गणना के लिए किया जाता है; विभिन्न स्पंदित लेजर अनुप्रयोगों के लिए अल्ट्रा-फास्ट सीड फाइबर लेजर; क्यू-स्विच्ड फाइबर और डायोड लेजर, जिनका उपयोग आमतौर पर धातु 3डी प्रिंटिंग के लिए किया जाता है।
जैसे-जैसे भारत एनक्यूएम के माध्यम से ‘क्वांटम’ की दिशा में प्रगित की और अग्रसर हो रहा है, विभिन्न क्वांटम प्रौद्योगिकी-उन्मुख लक्ष्यों को पूरा करने के लिए, अनुकूलित लेजर और संबंधित उपकरणों की अधिकता बनाने के लिए एक इकोसिस्टम की आवश्यकता होगी। सुबोध वशिष्ठ ने कहा कि अंत में, इससे स्वदेशी क्वांटम प्रौद्योगिकी-आधारित समाधान विकसित करने पर काम करने के लिए कुशल कर्मचारियों की उच्च मांग पैदा होगी ।
प्रोफेसर रंगवाला ने कहा कि उच्च गुणवत्ता और विश्वसनीय लेजर सिस्टम बनाने के लिए हमें कुशल इंजीनियरों और पीएचडी की आवश्यकता है, जो इस दिशा में कार्य कर सकें।