@ कमल उनियाल द्वारीखाल उत्तराखंड
वन विभाग द्वारा वनाग्नि को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। विभिन्न स्तर पर वनो को आग से बचाने के लिये जनजागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। इस वर्ष वर्षा न होने के कारण भी वनाग्नि की घटनाओं में वृद्धी हुयी है।
कभी स्थानीय लोग वनो को जान से ज्यादा मानते थे एक चिंगारी को देखकर जंगलो को आग से बचाने के लिए जान पर खेल जाते थे। पर धीरे धीरे लोगो की जंगलो से दूरी बढने लगी। इसी दूरी को मिटाने के लिए विभाग लोगो को जागरूक कर रही हैं।
इसी के तहत वन विभाग के अधिकारियों द्वारा मेडा़खाल में क्रू स्टेशन फायर का निरीक्षण किया तथा वनकर्मियो से वनाग्नि नियंत्रण की समीक्षा की और विकास खंड दुगड्डा के ग्राम आमसौड में ग्रामीणो के साथ वनाग्नि के कारणो पर चर्चा तथा सुझाव पर समीक्षा बैठक आयोजित की गयी।
बैठक में अपने संबोधन में वनाग्नि नोडल अधिकारी पौड़ी राहुल तथा वन संरक्षक शिवालिक वृत्त राजीव धीमान ने कहा कुछ असामाजिक तत्वों तथा कुछ मानव जनित गलती जैसे फसलो की पराली, खेतो के आडे को सावधानीपूर्वक से न जलाना भी वनाग्नि की घटनाओं को अंजाम दे रहा है। प्रभागीय वन अधिकारी भूमी संरक्षण वन प्रभाग लैन्सडौन स्पर्श काला ने वन संपदा को बचाने की अपील आमजनो से की और कहा वनो में हरियाली होगी तो जीवन में खुशहाली आयेगी। जो भी ग्रामीण और गाँव आग बुझाने में सहयोग करेंगे तो उन्हें सम्मानित किया जायेगा।
इस अवसर पर प्रभागीय वनाअधिकारी आरक्षित वन नवीन पंत, एसडीओ सुमन भारती, वन क्षेत्र अधिकारी दुगड्डा प्रमोद डोबरियाल, वन क्षेत्र अधिकारी कोटद्वार विपिन जोशी वनक्षेत्र अधिकारी जयहरीखाल/मटियाली विशन दत्त जोशी सहित वनकर्मी मौजूद रहे।