@ भोपाल मध्यप्रदेश
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने कहा कि स्वर्णिम भारत का सपना नशा मुक्त समाज निर्माण से ही पूरा किया जा सकता है। घर और समाज से शराब की लत के समाप्त करने में माता-बहनों की अहम भूमिका हो सकती है। उन्होंने यह बात विभिन्न सामाजिक संगठनों की सहभागिता के साथ सामाजिक न्याय विभाग द्वारा नशामुक्ति अभियान जागरूकता कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर कही। मंत्री कुशवाह द्वारा नशा न करने की शपथ दिलाई और झंड़ी दिखाकर जागरूकता वाहन रैली को विदा किया।
मंत्री कुशवाह ने कहा कि समाज में अनादी काल से नशा सामाजिक बुराई के रूप में व्याप्त है। भारत में नशा मुक्त समाज बनाने के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 15 अगस्त 2020 को नशामुक्त भारत अभियान का शुभारंभ किया गया है। इसमें केन्द्र और राज्य सरकार के सामाजिक न्याय विभाग द्वारा सामाजिक सहभागिता से विभिन्न स्तर पर जागरूकता अभियान चलाये जा रहे है। इन अभियानों की सफलता में घर की महिलाओं की अहम भूमिका हो सकती है।
उन्होंने कहा कि पुरूष के नशा करने पर सबसे ज्यादा प्रताड़ित घर की माँ-बहन एवं बाद में बच्चे होते है। इसलिए आवश्यक है कि माता-बहनें घरों में और मोहल्ले में संगठित होकर नशा करने वालों के विरूद्ध जागरूकता अभियान चलाये। नशा से अपराध, दुर्घटनाएँ, गरीबी और बेरोजगारी में लगातार वृद्धि हो रही है। मंत्री कुशवाह ने शहरों की स्लम बस्तियों में विशेष जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता जताई। वर्ष 2024-25 में प्रदेश के सभी जिलों में नशामुक्ति केन्द्रों की स्थापना कराई जायेगी।
आयुक्त सामाजिक न्याय भौंसले ने बताया कि सम्पूर्ण विश्व नशा की समस्या से पीड़ित है, इसीलिये 1987 में यू.एन.ओ. द्वारा प्रति वर्ष 26 जून को “अंतर्राष्ट्रीय नशा निवारण दिवस” मनाने का निर्णय लिया गया है। मध्यप्रदेश में 15 जून से 30 जून तक नशामुक्ति पखवाड़ा मनाया जा रहा है। विभिन्न सामाजिक संगठनों के सहयोग से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। भोपाल में नशामुक्ति जागरूकता वाहन रैली निकाली भी जा रही है।
कार्यक्रम में प्रजापति ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय संस्थान के वॉलिंटियर द्वारा जागरूकता नाटक का मंचन कला पथक दल द्वारा नशामुक्ति पर आधारित गीत की प्रस्तुती दी गई। प्रजापति ब्रह्मकुमारी संस्थान की राजयोगनी ज्योति दीदी, गायत्री परिवार के समन्वयक राजेश पटेल, आयुक्त सामाजिक न्याय आर.आर भौंसले सहित बड़ी संख्या में सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे।