उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में उच्च-जोखिम वाली गर्भावस्था के लिए एक प्रोग्राम लॉन्च किया

@ लख़नऊ उत्तरप्रदेश

उत्तर प्रदेश की मातृ मृत्यु दर  प्रति 100,000 जीवित जन्मों पर 167 है , जो भारत के राष्ट्रीय औसत 97 से कहीं अधिक है। भारत में 70-80% मातृ मृत्यु उच्च जोखिम वाली गर्भावस्थाओं के दौरान होती हैं। अरमान द्वारा प्रस्तुत उच्च जोखिम गर्भावस्था प्रोग्राम का उद्देश्य समय पर रेफरल सेवा को बेहतर बनाना है, जिससे मातृ मृत्यु दर को एवं रुग्णता को कम किया जा सके।

अरमान अपने एकीकृत उच्च जोखिम गर्भावस्था ट्रैकिंग और प्रबंधन प्रोग्राम का विस्तार उत्तर प्रदेश में कर रहा है, जिसके तहत 30 मई से संभल और महत्त्वाकांक्षी जिले श्रावस्ती में उच्च जोखिम गर्भावस्था प्रोटोकॉल के अंतर्गत सहायक नर्स और दाइयों, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों , स्टाफ नर्स, चिकित्सा अधिकारियों और विशेषज्ञता प्राप्त डॉक्टरों के लिए प्रशिक्षण शुरू किया जाएगा।

इस कार्यक्रम का शुभारंभ 30 मई को श्रावस्ती में मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी की उपस्थिति में चिकित्सा अधिकारियों, विशेषज्ञता प्राप्त डॉक्टरों एवं स्टाफ नर्सों के प्रशिक्षण के साथ किया गया। 30 मई से 20 जून तक चलने वाले इस प्रशिक्षण के प्रथम चरण में श्रावस्ती के 5 तथा संभल जिले के 8 ब्लाकों सहित कुल 986 दाइयों (एएनएम), सीएचओ, स्टाफ नर्स, चिकित्सा अधिकारियों तथा विशेषज्ञता प्राप्त डॉक्टरों को छह उच्च जोखिम गर्भावस्था प्रोटोकॉल (प्रसवपूर्व गुणवत्तापूर्ण देखभाल, एनीमिया, उच्च रक्तचाप, बुखार, प्रसवपूर्व रक्तस्राव तथा सांस फूलना) के बारे में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।

अरमान द्वारा हमारे जिले में उच्च जोखिम गर्भावस्था प्रोटोकॉल प्रशिक्षण कार्यान्वित लागू किया जा रहा है। इससे उच्च जोखिम गर्भावस्था की पहचान, रेफरल और प्रबंधन बढ़ाने में मदद मिलेगी। पिछले कुछ वर्षों के दौरान चिकित्सा क्षेत्र में कई प्रगति हुई हैं, लेकिन उन्हें श्रावस्ती जैसे क्षेत्रों तक पहुंचने में समय लगता है, जो कि उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों की तुलना में उच्च गरीबी, कम साक्षरता दर और उच्च मातृ मृत्यु दर वाले जिलों में से एक है, श्रावस्ती के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजय प्रताप सिंह ने कहा। मुझे उम्मीद है कि अरमान  द्वारा प्रदान किया जा रहा प्रशिक्षण हमारे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को जानकारी और कौशल हासिल करने में मदद करेगा, जिससे वे हमारे जिले में गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य परिणामों को बेहतर बनाने में अपना योगदान दे सकेंगे।

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (एनएफएचएस-5) के अनुसार, संभल में 53% गर्भवती महिलाएं और श्रावस्ती में 41% गर्भवती महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं, जबकि उत्तर प्रदेश राज्य में यह औसत 45.9% है। दोनों जिलों में गर्भवती महिलाओं में एनीमिया जैसी उच्च जोखिम वाली स्थितियों के बढ़ते प्रसार को देखते हुए गर्भवती महिलाओं के प्रबंधन, देखभाल और समय पर रेफरल के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया गया है ताकि स्वस्थ परिणाम प्राप्त किए जा सकें।

अगले एक घंटे में भारत में कहीं न कहीं बच्चे को जन्म देते समय तीन महिलाओं की मौत हो जाएगी। यदि उच्च जोखिम वाले कारकों की पहचान कर ली जाए और समय रहते उनका प्रबंधन कर लिया जाए तो इनमें से अधिकांश मौतों को रोका जा सकता है। हमारे एकीकृत उच्च जोखिम गर्भावस्था ट्रैकिंग और प्रबंधन प्रोग्राम का उद्देश्य एएनएम, चिकित्सा अधिकारियों और विशेषज्ञों को प्रशिक्षित करना है, ताकि उच्च जोखिम वाली गर्भावस्थाओं का समय पर प्रबंधन और रेफरल सुनिश्चित किया जा सके, जिससे गर्भवती महिलाओं को समय पर उपचार और देखभाल मिल सके, जिससे माताओं और बच्चों का जीवन बचाया जा सके, अरमान की संस्थापक डॉ. अपर्णा हेगड़े ने कहा।

अरमान का एकीकृत उच्च जोखिम गर्भावस्था ट्रैकिंग एवं प्रबंधन (आईएचआरपीटीएम) कार्यक्रम स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा उच्च जोखिम स्थितियों वाली गर्भवती महिलाओं की शीघ्र पहचान, रेफरल और ट्रैकिंग को सक्षम करने पर केंद्रित है, ताकि समय पर और उचित उपचार और देखभाल सुनिश्चित की जा सके, जिसके परिणामस्वरूप मातृ और शिशु मृत्यु दर एवं रुग्णता में कमी लाई जा सके।

इस कार्यक्रम के माध्यम से प्रशिक्षित एएनएम को लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम एप्लीकेशन द्वारा भी सहायता प्रदान की जाती है, जिसमें सूचनात्मक वीडियो सामग्री और गर्भावस्था के दौरान उच्च जोखिम वाली स्थितियों पर विषयवार प्रश्नोत्तरी जैसे मल्टीमीडिया-आधारित दृष्टिकोण प्रचुर मात्रा में शामिल हैं। एएनएम को एक फोन नंबर भी दिया जाता है, जिसके द्वारा वे किसी प्रश्न के संबंध में व्हाट्सएप संदेश भेज सकती हैं।

आईएचआरपीटीएम प्रोग्राम, जिसे तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में अम्मा कोसम भी कहा जाता है, का क्रियान्वयन अरमान द्वारा यूनिसेफ तथा तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश की संबंधित राज्य सरकारों के साथ साझेदारी में किया जाता है। इस प्रोग्राम के एक भाग के रूप में, अरमान ने स्वास्थ्य प्रणाली के प्रत्येक स्तर पर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए सभी प्रसवपूर्व उच्च जोखिम वाले कारकों के संपूर्ण प्रबंधन के लिए 35 व्यापक, साक्ष्य-आधारित, रंग-कोडित, सरलीकृत एल्गोरिथम दिशानिर्देश विकसित किए हैं। इनमें से, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के लिए 18-20 उच्च जोखिम स्थितियों के लिए यह प्रोटोकॉल अपनाए गए हैं (राज्य के मृत्यु दर के आंकड़ों के आधार पर) और राज्यों द्वारा नीति के रूप में स्वीकार किए गए हैं।

एकीकृत उच्च जोखिम गर्भावस्था ट्रैकिंग और प्रबंधन (आईएचआरपीटीएम) कार्यक्रम के प्रभाव पर आधारित एक शोध पत्र में बताया गया है कि इस प्रशिक्षण द्वारा उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था की पहचान और प्रबंधन में सहायक नर्स और दाइयों (एएनएम) के कौशल में 8-17% तक सुधार होता है। लगभग 95-97% एएनएम इस प्रशिक्षण के माध्यम से प्राप्त जानकारी और कौशल का अभ्यास करने के प्रति आश्वस्त थीं। इसके अलावा, इसमें यह भी कहा गया है कि उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं के लिए समय पर उचित देखभाल उपलब्ध कराने के लिए प्रभावी रेफरल प्रणाली अत्यंत महत्वपूर्ण है, तथा इसमें समुदाय आधारित स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं के बीच मजबूत संबंधों की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।

अरमान ने बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा वित्तपोषित, समतामूलक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) को बढ़ावा देने के लिए ग्रैंड चैलेंजेस ग्रांट प्राप्त किया है, यह एक ऐसी पहल है जिसका उद्देश्य वैश्विक स्वास्थ्य और विकास संबंधी समस्याओं का तत्काल समाधान प्रदान करने के लिए नवाचार को बढ़ावा देना है। यह अनुदान हमें एएनएम के प्रशिक्षण में सुधार करने के लिए मौजूदा शिक्षण और समर्थन ऍप्लिकेशन में बड़े भाषा मॉडल द्वारा संचालित सह-पायलट को एकीकृत करने में मदद कर रहा है ताकि वे उच्च जोखिम वाली गर्भावस्थाओं का बेहतर प्रबंधन कर सकें।

हमने एक बहुभाषी और बहुआयामी चैटबॉट बनाया है जो उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था और प्रसवपूर्व देखभाल विषयों पर अंग्रेजी और तेलुगु में टेक्स्ट एवं आवाज द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर प्रदान करता है। मॉडल ने 93% से अधिक सटीकता दिखाई है, जबकि एएनएम के साथ उपयोगकर्ता परीक्षण ने समर्थन उपकरण के लिए 70% की समग्र स्वीकृति दर दिखाई है।

अधिक जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें

श्वेता थंपन फ़ोन: 9930095414 ईमेल: shweta@armman.org armman.org

अरमान एक भारतीय गैर सरकारी संगठन है जो गर्भवती महिलाओं और माताओं को एमहेल्थ द्वारा निवारक जानकारी प्रदान करने के साथ-साथ स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देकर मातृ एवं शिशु मृत्यु दर/रुग्णता को कम करने के लिए स्केलेबल, लागत प्रभावी, इक्विटी-आधारित और लिंग-परिवर्तनकारी, गैर-रेखीय, प्रणालीगत समाधान तैयार करती है।  अरमान   द्वारा क्रियान्वित किए जा रहे कार्यक्रम 5 करोड़ महिलाओं और उनके बच्चों तक पहुंचे हैं और इनके द्वारा भारत के 21 राज्यों में 415,380 स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया है।

7 thoughts on “उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में उच्च-जोखिम वाली गर्भावस्था के लिए एक प्रोग्राम लॉन्च किया

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