@ अशोक डबराल उत्तराखंड
डबरालस्यू पट्टी के देवीखेत क्षेत्र में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है ।पूरे क्षेत्र के लोग पानी के लिए तरस रहे हैं । हमारे संवाददाता ने क्षेत्र के लोगों से बात की देवीखेत व्यापार मंडल के अध्यक्ष बलबीर सिंह बिष्ट ने बताया की यहां पानी की हमेशा से ही बहुत किल्लत रहती थी ।हमने कई बार प्रशासन तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश की परंतु वहां कभी सुनवाई नहीं हुई ।
उत्तराखंड में अब जब से “घर-घर नल घर-घर जल” की नाकाम स्कीम आई है ।तब से जल संस्थान, जल निगम और सजल इन सारे विभागों की लापरवाही और व्यवस्था से पूरे क्षेत्र के लोग बहुत परेशान हैं । पिछले 20 सालों से हमेशा हमारी पानी की सुचारू मांग रही है । लेकिन हमारे सांसद विधायकों ने कभी भी हमारी परेशानियों को नहीं देखा ,हमारे पालतू जानवर बिना पानी के मर रहे हैं ,आम जनमानस बहुत परेशान है । लेकिन हमारे नेताओं को जब वोट मांगना होता है तो वह घर-घर जाकर हाथ जोड़कर पैर पड़कर वोट मांगते हैं जब वह सांसद और विधायक बन जाते हैं तो ,दिल्ली और देहरादून में बैठना पसंद करते हैं , ना कि अपने क्षेत्र में भ्रमण कर जनमानस की समस्याओं को सुलझाने की।हमारी समस्याओं से इनका कोई मतलब नहीं है ,सिर्फ झूठे वादे और आश्वासनों का दाल भात खिलाकर नेता बन के आराम से जीवन बिताते है
जितनी भी पानी के पाइपलाइन बिछाई गई है ,सारी ओपन और खुली पड़ी है ,जो सड़क पर या रास्ते पर आराम से देखी जा सकती है ,उससे दुर्घटना होने का भी डर है ।अगर नियामक दृष्टि से देखा जाए तो कुछ भी सही नहीं है । सारे काम ठेकेदारों की मर्जी से हो रहा है और सारे आधे अधूरे है,ना विभाग इस पर कोई संज्ञान लेता और ना ही विभाग के कर्मचारी देखने आते,जब लोग अव्यवस्था का विरोध करते हैं तो ठेकेदार बोलते हैं विभाग से बात करो और जब विभाग को फोन मिलाते हैं तो विभाग का कोई भी अधिकारी फोन उठाने को तैयार नहीं।
सही खबर है। सच कहें तो उत्तराखंड में प्रशासन के नाम पर परबस पड़ा है। मोदी के नाम की रोटी सेंक रहे सब.. पर कब तक खायेंगे।
विधायक द्वारा कुछ कार्य नहिं करवाया गया बहस मोदी जी के नाम से जीत रहे हैं