@ गोरखपुर उत्तरप्रदेश :
यूपी के गोरखपुर में नाबालिग बच्चों से चोरी कराने वाला गिरोह पकड़ा गया है। यह गिरोह 15000 रुपये प्रति महीने की सैलरी पर नाबालिगों से चोरी करवाता था। इसके बाद चोरी के मोबाइल नेपाल और बांग्लादेश में बेचता था। गोरखपुर GRP ने सरगना समेत तीन को गिरफ्तार किया है। इसी के साथ लगभग 10 लाख की कीमत को मोबाइल बरामद किए हैं। गोरखपुर में पूर्वोत्तर रेलवे का मुख्यालय है।
गोरखपुर की GRP टीम ने चोरी कराने वाले सरगना और उसके साथियों को पकड़ा है। यह गिरोह भीड़भाड़ वाले बाजारों में नाबालिग बच्चों से मोबाइल चोरी करवाता था। इसके बदले में बच्चों को ₹15000 प्रति महीना सैलरी देता था। GRP पुलिस ने मुखबिर और सर्विलांस की मदद से गिरोह के सरगना मनोज मंडल के साथ दो सदस्यों को पकड़ा है।
छानबीन में पता चला है कि यह गिरोह बांग्लादेश और नेपाल में चोरी हुए मोबाइल को बेचने का काम करता था। कई बार मोबाइल नेपाल और बांग्लादेश में बेचे हैं। GRP थानों में लगातार स्टेशनों पर मोबाइल चोरी की शिकायतें मिलती थीं। इसके बाद GRP के उच्च अधिकारियों ने टीम गठित की और पड़ताल शुरू की।
GRP टीम ने चोरी कराने वाले गिरोह के मुख्य सरगना मनोज मंडल को गिरफ्तार किया, जो झारखंड के थाना तलझारी जिला साहिबगंज का रहने वाला है। वहीं दूसरा साथी झारखंड का रहने वाला है। इसके अलावा गिरोह का तीसरा सदस्य दूसरे साथी का छोटा भाई है, जो नाबालिग है। पुलिस ने उसे भी पकड़कर बाल सुधार गृह भेजा है।
एसपी GRP संदीप कुमार मीणा ने कहा कि GRP गोरखपुर ने रेलवे स्टेशन के पास तीन लोगों को अरेस्ट किया है, जिनमें दो बालिग हैं, और एक नाबालिग है। आरोपी झारखंड के रहने वाले हैं। इनके पूछताछ की तो इनका व्यवहार कुछ अलग दिखाई दिया। तलाशी ली गई तो इनके पास से एक तमंचा और कुछ कारतूस बरामद हुए।
इसके बाद जब सामान के चेक किया गया तो करीब 10 लाख के मोबाइल बरामद हुए हैं। इसके बाद थाने लाकर पूछताछ की गई तो आरोपियों ने बताया कि बच्चों की मदद के भीड़भाड़ वाले बाजारों या ट्रेन के अंदर लोगों की जेब से मोबाइल चोरी कर लेते हैं। कई बार जब पकड़े जाते हैं तो तमंचा चाकू दिखाकर भाग जाते हैं। ये लोग पहले 200 मोबाइल अब तक बेच चुके हैं। दोनों आरोपियों पर पहले से केस दर्ज हैं।