भारतीय रेलवे नेटवर्क के 23,000 से अधिक ट्रैक किमी को अपग्रेड करके महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की

@ नई दिल्ली :

भारतीय रेलवे ने 130 किलोमीटर प्रति घंटे (किमी प्रति घंटे) तक की ट्रेन गति को संभालने के लिए भारतीय रेलवे नेटवर्क के 23,000 से अधिक ट्रैक किलोमीटर (टीकेएम) को अपग्रेड करके एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। यह उल्लेखनीय प्रगति रेलवे के बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण, कनेक्टिविटी में सुधार और देश भर में लाखों यात्रियों के लिए यात्रा के समय को कम करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को उजागर करती है। भारत के रेलवे नेटवर्क का लगभग पाँचवाँ हिस्सा अब उच्च गति के लिए सुसज्जित है, ये प्रगति आधुनिक सिग्नलिंग सिस्टम और रणनीतिक बाड़ लगाने जैसे मजबूत सुरक्षा उपायों से संभव हुई है, यह ट्रेन यात्रा में दक्षता और विश्वसनीयता के एक नए युग की शुरुआत दिखाती है।

ट्रैक इंफ्रास्ट्रक्चर के आधुनिकीकरण में व्यापक उन्नयन शामिल है, जिसमें उच्च गति के संचालन के लिए स्थिरता और स्थायित्व सुनिश्चित करने के लिए पटरियों को मजबूत करना, सटीक संचार और सुरक्षित ट्रेन संचालन के लिए उन्नत सिग्नलिंग सिस्टम का कार्यान्वयन और सुरक्षा बढ़ाने और जोखिमों को कम करने के लिए कमजोर स्थानों पर बाड़ लगाने जैसे सुरक्षा उपायों की स्थापना शामिल है। ये प्रयास भारतीय रेलवे के के लक्ष्य सुरक्षित और कुशल रेलवे नेटवर्क को बढ़ावा देने के अनुरूप है, जो यात्री और माल ढुलाई दोनों की जरूरतों को पूरा करता है।

उन्नयन में स्वर्णिम चतुर्भुज और स्वर्णिम विकर्ण नेटवर्क के खंड प्रमुख रूप से शामिल हैं, जो देश के प्रमुख शहरों को जोड़ने वाले महत्वपूर्ण गलियारे हैं। ये मार्ग, जिससे भारत का यात्री और माल यातायात का महत्तवपूर्ण हिस्सा संचालित होता है, तेज़ पारगमन और बेहतर रसद को सुनिश्चित करते हुए अब उच्च गति को संभालने के लिए बेहतर ढंग से सुसज्जित हैं।

इसके अतिरिक्त, लगभग 54,337 टीकेएम पटरियों को 110 किमी प्रति घंटे तक की गति का समर्थन करने के लिए अपग्रेड किया गया है । यह व्यवस्थित वृद्धि विभिन्न क्षेत्रों में निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित करती है और भारतीय रेलवे की समग्र परिचालन दक्षता को बढ़ाती है।

भारतीय रेलवे की प्रमुख सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन, वंदे भारत एक्सप्रेस, इन बुनियादी ढाँचे में सुधार की सफलता का उदाहरण है। 160 किमी प्रति घंटे तक की गति प्राप्त करने में सक्षम, वंदे भारत एक्सप्रेस भारतीय रेल यात्रा में एक नए युग का प्रतीक है , जो यात्रियों को तेज़, अधिक आरामदायक और प्रीमियम यात्रा का अनुभव प्रदान करती है। ऐसी गति को सुरक्षित रूप से समायोजित करने के लिए, भारतीय रेलवे ने हाई-स्पीड ट्रैक सेक्शन के साथ सुरक्षा बाड़ लगाने को प्राथमिकता दी है। ये उपाय न केवल ट्रेनों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करते हैं बल्कि दुर्घटनाओं के जोखिम को भी कम करते हैं। पिछले वर्ष की तुलना में, पीक डिमांड की अवधि के दौरान विशेष ट्रेन सेवाओं में 54% की उल्लेखनीय वृद्धि हुई, जो 57,169 सेवाओं तक पहुँच गई ।

पहलू विवरण
राजस्व में वृद्धि चालू वित्त वर्ष 2024-25 के अप्रैल से दिसंबर के बीच आय में 4 % की वृद्धि हुई है, जिससे माल ढुलाई से 1.26 लाख करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। यात्री खंड की आय में 6% की वृद्धि हुई है, जो 55,988 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।
उच्चतर पूंजीगत व्यय 2024-25 में 2% अधिक पूंजीगत व्यय, जहां चालू वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान पूंजी निवेश बढ़कर 1.92 लाख करोड़ रुपए हो गया, यह बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
उन्नत माल ढुलाई दक्षता जनवरी 24 से नवम्बर 24 की अवधि के दौरान भारतीय रेलवे पर राजस्व अर्जित करने वाली माल ढुलाई 1473.05 मीट्रिक टन रही, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 3.86% की वृद्धि दर्ज करती है ।

भारतीय रेलवे का चल रहा आधुनिकीकरण अभियान ट्रैक अपग्रेड से कहीं आगे तक फैला हुआ है। अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाने, बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और यात्री सुविधाओं को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, भारतीय रेलवे एक परिवर्तनकारी यात्रा अनुभव के लिए मंच तैयार कर रहा है।

इन पहलों का उद्देश्य ट्रेन सेवाओं की विश्वसनीयता और दक्षता में सुधार करना, माल और यात्रियों की तेज़ आवाजाही को सक्षम करके आर्थिक विकास को बढ़ावा देना और आबादी की विविध आवश्यकताओं को पूरा करने वाली एक समावेशी और सुलभ रेलवे प्रणाली सुनिश्चित करना है।

इन उन्नयनों के सफलतापूर्वक पूरा होने के साथ, भारतीय रेलवे गति, सुरक्षा और सेवा में नए मानक स्थापित कर रहा है। ये प्रयास न केवल लाखों यात्रियों के लिए यात्रा के अनुभव को बेहतर बनाते हैं, बल्कि राष्ट्र की जीवन रेखा के रूप में भारतीय रेलवे की भूमिका की भी पुष्टि करते हैं।

आधुनिकीकरण की यात्रा में आगे बढ़ने के साथ ही भारतीय रेलवे प्रगति और नवाचार का प्रतीक बन रही है, जो भारत को एक उज्जवल और अधिक परस्पर जुड़े भविष्य की ओर ले जा रही है। यह प्रगति संगठन की देश के विकास में सहायक और अपने लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने वाली रेलवे नेटवर्क के निर्माण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

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