@ नई दिल्ली :-
घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों ही श्रेणियों के पर्यटकों के लिए सेवाओं और अनुभव की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु, पर्यटन मंत्रालय अपनी स्वैच्छिक योजना “अतुल्य भारत होमस्टे प्रतिष्ठान” के अंतर्गत ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों सहित देश भर में पूरी तरह से संचालित होमस्टे सुविधाओं के कमरों का वर्गीकरण करता है। मंत्रालय द्वारा जारी मौजूदा दिशानिर्देशों के आधार पर होमस्टे को दो श्रेणियों – स्वर्ण श्रेणी और रजत श्रेणी – में वर्गीकृत किया गया है। इस योजना के तहत पर्यटन मंत्रालय द्वारा कोई वित्तीय सहायता प्रदान नहीं की जाती है।

सरकार ने आदिवासी समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान को भी मंजूरी दी है और 1000 होमस्टे का विकास इस योजना का एक हिस्सा है। राज्य/केंद्र शासित प्रदेश 5-6 गाँवों के समूह में प्रति गाँव 5-10 होमस्टे के कार्यान्वयन के लिए अधिकतम 5 करोड़ रुपये की सहायता प्राप्त कर सकते हैं, जो 01.07.2025 को जारी दिशानिर्देशों के अनुसार पात्रता के अधीन है।
इसके अतिरिक्त, भारत सरकार ने ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों सहित देश भर में होमस्टे की स्थापना को सहायता और प्रोत्साहन देने के लिए 2025-26 के बजट घोषणा में होमस्टे के लिए मुद्रा ऋण के संपार्श्विक मुक्त संस्थागत ऋण की भी घोषणा की।
“एक राष्ट्र, एक पंजीकरण” पहल के अंतर्गत आतिथ्य उद्योग के राष्ट्रीय एकीकृत डेटाबेस (निधि) पोर्टल पर पंजीकृत ग्रामीण होमस्टे सुविधाओं की संख्या का राज्यवार और वर्षवार विवरण अनुलग्नक में दिया गया है।
निधि प्लेटफॉर्म का कार्य केवल स्वैच्छिक वर्गीकरण योजना के अंतर्गत पंजीकृत और वर्गीकृत/अनुमोदित इकाइयों के आंकड़े एकत्र करना है, न कि बुकिंग प्लेटफॉर्म। पर्यटन या अधिभोग दिनों की संख्या से संबंधित आंकड़े इस प्लेटफॉर्म पर प्रदर्शित नहीं होते हैं। यह जानकारी केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी है।
