@ रांची झारखंड
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि पूर्व की सरकार ने यहां के अधिकतर पात्र लोगों को पेंशन योजना से वंचित रखा। पहले गांव के कुछ चुनिंदा बुजुर्गों, दिव्यांगों एवं विधवा माता-बहनों को ही पेंशन की राशि मिल पाती थी, लेकिन अब आपकी सरकार ने ऐसा कानून बना दिया कि अब गांव में जितने भी वृद्धजन हैं सभी को पेंशन प्राप्त हो रहा है।
आज हरेक दिव्यांगजन एवं विधवा माता-बहनों सहित पात्र सभी लोगों को सर्वजन पेंशन योजना के तहत पेंशन की राशि निर्धारित समय पर मिल रही है। परिणाम यह है कि अब सभी पात्र लोगों को सामाजिक सुरक्षा के अंतर्गत पेंशन योजना से आच्छादित किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज राज्य में उनकी सरकार किसानों के कृषि ऋण को माफ करने का काम किया है, गरीबों का बकाया बिजली बिल माफ हो रहा है, बिजली उपभोक्ताओं को 200 यूनिट बिजली मुफ्त मिल रही है। बच्चों के पढ़ने के लिए निजी स्कूल के तर्ज पर स्कूलों का निर्माण किया गया। राज्य में बच्चों के उज्जवल भविष्य को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालय स्थापित किए जा रहे हैं।
आज उनकी सरकार गरीब, आदिवासी, मूलवासी, दलित, शोषित, पिछड़े, अल्पसंख्यक के बच्चे-बच्चियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने हेतु प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। गरीब के होनहार बच्चे विदेश में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। महिलाओं का सशक्तिकरण सुनिश्चित हुआ है। आज राज्य सरकार गांव-देहात से चल रही है। उक्त बातें मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज गिरिडीह जिला के गाण्डेय प्रखंड अंतर्गत कैलुडीह मैदान में आयोजित “आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार” कार्यक्रम में अपने सम्बोधन में कही।
बेटियां बोझ नही, बेटियों को शिक्षित कर बनाएं मजबूत
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि राज्य की आने वाली पीढ़ी के लिए अच्छी शिक्षा व्यवस्था पर फोकस करते हुए सावित्रीबाई फुले समृद्धि योजना एवं गुरुजी क्रेडिट कार्ड जैसी योजनाओं को संचालित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब बेटियां बोझ नहीं है बल्कि आप सभी से निवेदन है कि आप अपनी बेटियों को उच्च शिक्षा जरूर दिलाएं। अब राज्य की बेटियों की पढ़ाई-लिखाई, शादी-विवाह सहित सभी चीजों में राज्य सरकार आपको मदद करेगी।
गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के जरिए 15 लाख रुपए तक का शिक्षा ऋण बैंक द्वारा दिया जाएगा। आपको इसके बदले बैंक के पास कोई गारंटी रखने की जरूरत नहीं है राज्य सरकार आपका गारंटर बन रही है। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि राज्य के सभी आदिवासी एवं अल्पसंख्यक वर्ग के बच्चों के छात्रावासों में मुफ्त भोजन की व्यवस्था राज्य सरकार कर रही है ताकि बच्चे अपनी पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान दे सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले ग्रामीणों के बीच कृषि कार्य के लिए सिर्फ ट्रैक्टर और हल प्रदान की जाती थी लेकिन हमारी सरकार ने ट्रैक्टर के साथ-साथ स्कॉर्पियो, बोलेरो, बस ऑटो सहित कई गाड़ियां ग्रामीण बेरोजगार लोगों को उपलब्ध करा रही है ताकि अधिक से अधिक लोग लोग अपना स्वरोजगार से जुड़ सकें। पहले राज्य के किसान सिर्फ धान, मकई, और गेहूं की खेती पर निर्भर रहते थे लेकिन राज्य सरकार द्वारा खेती-कृषि की वैकल्पिक व्यवस्था पर भी फोकस किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने बिरसा हरित ग्राम योजना, दीदी बाड़ी योजना, दीदी बगिया योजना सहित कई योजनाओं का लाभ किसान एवं गरीब वर्ग के लोगों को देने का काम किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब राज्य में वनपट्टा का वितरण डिसमिल में नहीं बल्कि एकड़ में किया जा रहा है ताकि आप सरकारी जमीन का मालिक बन सकें।
50 लाख से अधिक महिलाओं को मिल रहा झारखण्ड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना का लाभ
मुख्यमंत्री ने कहा कि गिरिडीह की चार लाख महिलाओं को झारखण्ड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना का लाभ मिला है। अब 18 से 20 वर्ष की बेटियों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा। यह योजना लगातार चलने वाली योजना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की आधी आबादी को हर क्षेत्र में मजबूती के साथ आगे बढ़ना राज्य सरकार की प्राथमिकता रही है। राज्य के विकास में यहां की महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। हमारी सरकार हर हाल में यह सुनिश्चित करने पर जोर लगा रही है कि राज्य की महिलाएं हर एक क्षेत्र में कदम से कदम मिलाकर राज्य सरकार के साथ चलते हुए झारखंड को नई दिशा देने में सहायक बनेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 50 लाख से अधिक महिलाओं को झारखण्ड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना का लाभ पहुंचाया जा रहा है।
इस अवसर पर मंत्री सत्यानन्द भोक्ता, मंत्री बेबी देवी, मंत्री इरफ़ान अंसारी, राज्यसभा सांसद डॉ. सरफराज़ अहमद, विधायक मथुरा प्रसाद महतो, विधायक सुदिव्य कुमार सोनू, विधायक कल्पना सोरेन, पूर्व विधायक निजामुद्दीन अंसारी तथा गिरिडीह एवं धनबाद जिले के उपायुक्त तथा वरीय पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।