@ चंडीगढ़ पंजाब
पंजाब कौशल विकास मिशन ने 20 उद्योगों और उद्योग संघों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करके एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है, जिससे राज्य में 50,000 रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
इस सफलता की घोषणा रोजगार सृजन, कौशल विकास और प्रशिक्षण मंत्री अमन अरोड़ा ने मुख्य कार्यकारी अधिकारियों मीट-2024 में की, जिसका आयोजन उद्योग जगत के नेताओं, नीति निर्माताओं और हितधारकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए किया गया था।
अमन अरोड़ा ने इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया, जिसके दौरान नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विसेज कंपनीज (नैसकॉम), मोहाली (एसएएस नगर), अमृतसर, लुधियाना और पटियाला के उद्योग संघों सहित 20 उद्योगों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। अमन अरोड़ा ने राज्य भर में 750 उम्मीदवारों वाले 23 प्रशिक्षण केंद्रों का डिजिटल रूप से उद्घाटन किया। इसके अतिरिक्त, कैबिनेट मंत्री ने विश्व कौशल प्रतियोगिता के 100 विजेताओं को पदक और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।
समारोह को संबोधित करते हुए, अमन अरोड़ा ने इस बात पर जोर दिया कि कौशल विकास वर्तमान में महत्वपूर्ण है, इस क्षेत्र में पंजाब की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने स्वीकार किया कि वांछित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अभी भी एक लंबा सफर तय करना है। उन्होंने उद्योग से राज्य के युवाओं को बेहतर रोजगार कौशल के साथ सशक्त बनाने के मिशन में सक्रिय रूप से भाग लेने का भी आग्रह किया।
रोजगार सृजन, कौशल विकास और प्रशिक्षण की प्रमुख सचिव मती जसप्रीत तलवार ने इस पहल के बारे में बात की जो कौशल विकास क्षेत्र में वरिष्ठ अधिकारियों के बीच सहयोग और संवाद को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कौशल विकास कार्यक्रमों को उद्योग की आवश्यकताओं के साथ जोड़ना, रोजगार के अवसरों को बढ़ाना और राज्य में कौशल पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना है।
मिशन निदेशक पीएसडीएम सु अमृत सिंह ने सभी पैनलिस्टों का आभार व्यक्त किया और इस बात पर प्रकाश डाला कि यह आयोजन डीडीयू-जीकेवाई पहल के तहत पंजाब में कुशल युवाओं के लिए स्थायी रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद करेगा।
मीट में माई भागो एएफपीआई के निदेशक मेजर जनरल जसबीर सिंह संधू, एवीएसएम (सेवानिवृत्त) और महाराजा रणजीत सिंह एएफपीआई के निदेशक मेजर जनरल अजय एच. चौहान वीएसएम (सेवानिवृत्त), सी-पीवाईटीई के महानिदेशक मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) रामबीर मान और राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।